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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में एकबार फिर से वैसे शिक्षकों पर गाज गिर सकती है जिन्होंने बार-बार कहने के बाद भी अपनी सर्टिफिकेट को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया है। इन्हें 26 जनवरी तक इसे अपलोड करने को कहा गया है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में तैनात करीब 90000 शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक सकती है। बताया जा रहा है कि अगर उन्होंने सरकार के निर्देशों का पालन नहीं किया तो उन्हें नौकरी से भी निकाला जा सकता है।इतना ही नहीं सरकार उन्हें भुगतान किए गए पैसों को भी वापस ले सकती है।
दरसअल, बिहार के प्राथमिक शिक्षा के निदेशक रवि प्रकाश ने जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को आदेश जारी किया था कि ऐसे शिक्षक जो अपना सर्टिफिकेट पॉर्टल पर अपलोड नहीं किये है वो 26 जनवरी तक पोर्टल पर अपलोड कर दे। अभी तक के 90 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने अपना सर्टिफिकेट ऑनलाइन अपलोड नहीं किया है, जिस वजह से माना जा रहा है कि इन शिक्षकों पर 26 जनवरी के बाद गाज गिर सकती है।
जानकारों के मुताबिक, ऐसे शिक्षकों की सूची जिले में निगरानी के नामित अफसरों को दी जाएगी, ताकि जांच कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। यह जांच पटना उच्च न्यायालय के आ के आलोक में चल रही है। शिक्षा विभाग के मुताबिक, वर्ष 2006 से 2015 तक बहाल हुए तीन लाख 15 हजार 180 शिक्षकों की जांच विजिलेंस टीम कर रही है।
25 जनवरी को शिक्षा विभाग की निगरानी अफसरों के साथ बैठक है। बैठक के बाद इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बता दें, 2006 से 2015 तक बहाल हुए 3 लाख 12 हजार 180 शिक्षकों की जांच विजिलेंस टीम कर रही है।
आपको बता दें कि बिहार में शिक्षकों के फर्जी नियुक्ति का मामला कई बार आ चुका है। हालांकि कुछ लोगों के खिलाफ कारवाई भी की गई है। लेकिन अभी भी बिहार में बताया जाता है कि लाखों ऐसे शिक्षक हैं । अगर कोई भी शिक्षक फर्जी नहीं है तो फिर अपने शैक्षणिक प्रमाणपत्र अपलोड क्यों नहीं कर रहे हैं।