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औरंगाबाद जिलाधिकारी ने नियमित टीकाकरण को सुदृढ़ करने हेतु दो दिवसीय कार्यशाला का किया उद्घाटन

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: बच्चों के जीवन और भविष्य की सुरक्षा के लिए सबसे प्रभावी और किफायती तरीकों में से एक है टीकाकरण। यदि शिशु का नियमित टीकाकरण किया जाए तो लाखों-लाख शिशु मृत्यु को रोका जा सकता है। जब हमने कई गंभीर संक्रामक बीमारियों पर टीकाकरण के बदौलत काबू पा लिया है तो यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाई जाय। नियमित एवं प्रभावी टीकाकरण से कई बीमारियों का उन्मूलन किया जा सकता है।

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उक्त बातें जिला पदाधिकारी सौरभ जोरवाल द्वारा शहर के एक होटल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित ‘रूटीन इम्यूनाइजेशन, फीवर विद रैश एवं वैक्सीन प्रीवेंटेबल डिजीज’ के प्रति जागरूकता हेतु आयोजित कार्यशाला के दौरान कही गई। प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य अधिकारियों के उन्मुखीकरण एवं सेन्सीटाइजेशन हेतु जिला स्तर पर आयोजित इस दो दिवसीय कार्यशाला का संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन जिला पदाधिकारी, सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य जिले में टीकाकरण केंद्रों को सुदृढ़ करने के साथ- साथ वर्तमान परिस्थिति में बुखार के साथ चमड़ियों पर होने वाले रैश से प्रभावित लोगों को सूचीबद्ध करना तथा टीकाकरण से रोके जाने वाले बीमारियों के प्रसार को प्रभावी बनाना है।

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ कुमार वीरेंद्र प्रसाद द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार नियमित टीकाकरण के तहत पूर्ण प्रतिरक्षण के शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृतसंकल्पित है। नियमित रूप से दिए जाने वाले टीके के प्रसार को बढ़ाने को लेकर सभी प्रयास किये जा रहे हैं। इसी संदर्भ में आज जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ किशोर कुमार द्वारा बताया गया की नियमित टीकाकरण का सुदृढीकरण जरूरी है। टीकाकरण का प्रबल पक्ष एवं महत्व इस बात से उजागर होता है कि हमने कोरोना पर अभी हाल में ही टीकाकरण के वजह से विजय प्राप्त की है।

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मिथिलेश प्रसाद सिंह द्वारा टीकाकरण कार्यक्रम को और मजबूत बनाने के लिए नियमित टीकाकरण का माइक्रोप्लान, ड्यू लिस्ट, संचार कार्य योजना और बेहतर ढंग से तैयार करने पर बल दिया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के जिला मेडिकल ऑफिसर डॉ देवाशीष मजूमदार द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को तकनीकी जानकारियां प्रदान की गई।

इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम डॉ कुमार मनोज द्बवारा बताया गया कि जिले में टीकाकरण बेहतर तरीके से हो इसके लिए स्वास्थ विभाग की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है। तकनीकी जानकारियों के उन्मुखीकरण के उपरांत कार्य योजना निर्माण कर कार्य किया जायगा. इस प्रशिक्षण में सभी डेवलपमेंट पार्टनर केयर, पिरामल हेल्थ, यूनिसेफ, यूएनडीपी के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। प्रतिभागियों के रूप में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक, सभी प्रखंड स्वास्थ्य सामुदायिक उत्प्रेरक, सभी डाटा ऑपरेटर एवं मूल्यांकन पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।

जिला स्तर से सिविल सर्जन डॉ कुमार विरेंद्र प्रसाद, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ किशोर कुमार. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मिथिलेश प्रसाद सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ कुमार मनोज, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ कुमार महेंद्र प्रताप, केयर के टीम लीडर उर्वशी प्रजापति, यूनिसेफ के अधिकारी कामरान खान एवं यूएनडीपी के अधिकारी अर्शी खान, पिरामल हेल्थ के अधिकारी धनंजय कुमार, जिला एपिडमोलोगिस्ट उपेंद्र कुमार चौबे, डीपीसी नागेंद्र कुमार केसरी, जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी अविनाश कुमार सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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