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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री रमई राम का गुरुवार को 80 साल की उम्र में निधन हो गया । वे बहुत दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें पटना के जयप्रभा मेदांता अस्पताल में दो दिन पहले भर्ती कराया गया था। वे बिहार की राजनीति में एक अलग पहचान रखते थे। वे नौ बार विधायक रहे थे। उन्होंने बोचहां सीट से कई बार विधेयकी का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने लालू प्रसाद और सीएम नीतीश कुमार दोनों के साथ काम किया था। पहली बार 1947 में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता था।
तीन बार राजद के टिकट,एक बार जदयू के टिकट, दो बार जनता दल के टिकट और इसके अलावा तीन अन्य दलों के प्रत्याशी के रूप में विधायकी का चुनाव जीतते रहे। इसके साथ ही वह 5 बार बिहार में मंत्री भी रहे हैं! लेकिन साल 2015 और 2020 में लगातार दो बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा! 2015 में यहां निर्दलीय प्रत्याशी बेबी कुमारी ने इन्हें सियासी पटखनी दी तो वहीं 2020 में विकासशील इंसान पार्टी के मुसाफिर पासवान के हाथों उन्हें हार झेलनी पड़ी।
रमई राम लगभग तीन दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहे। इस दौरान जनता पार्टी, लोकदल, जनता दल, राजद, कांग्रेस, लोजपा और जदयू के बाद वीआईपी में भी रहे। वह 5 बार बिहार में मंत्री भी रहे थे। बता दें, 1990 से 2015 तक सरकार किसी की भी रही हो, लेकिन रमई राम को मंत्री पद जरूर मिला।
लेकिन, 2015 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी बेबी कुमारी के हाथों रमई राम को हार का सामना करना पडा था। बोचहां को रमई राम का गढ़ कहा जाता है। साल 2015 और 2020 में लगातार दो बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। उनके निधन से बिहार के राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर है।
उनके निधन पर कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर रमई राम के निधन पर शोक व्यक्त दिया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि वरिष्ठ समाजवादी नेता, पूर्व मंत्री और 9 बार विधायक रहे आदरणीय रमई राम जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। वो एक कर्मठ और समर्पित राजनेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता थे। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति एवं परिवार को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे
ॐ शांति ॐ।
वहीं सीएम नीतीश कुमार ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके चले जाने से मुझे व्यक्तिगत क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि उनके निधन से बिहार को सामाजिक और राजनीतिक क्षति हुई है। उन्होंने घोषणा की कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उन्होंने उनकी पुत्री गीता से भी बात की और उन्हें ढांढस बंधाया।