BIHAR NATION is a new media venture of journalist Jay Prakash Chandra .This dot-in will keep you updated about crime, politics , entertainment and religion news round the clock.
Caste Census: बिहार में जातियों की होगी कोडिंग, ग्वाला, अहीर के लिए 167 तो ब्राह्मण के लिए कोड 128 होगा, जानिए अपनी जाति का कोड
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में पहले चरण की जातीय गणना खत्म होने के बद दूसरे चरण के लिए 15 अप्रैल से जातीय गणना की शुरूआत होनेवाली है। इसे लेकर सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई है। लेकिन अब इसी बीच इससे जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर है कि बिहार में अब जातियों की पहचान कोड के जरिए होगी। दूसरे चरण में प्रपत्र के अलावा पोर्टल और मोबाइल ऐप के जरिए जाति के अंकों के आाधार पर बनाए गए कोड भरे जाएंगे जिससे जातियों की पहचान हो जाएगी।
15 अप्रैल से होने वाली दूसरे चरण की गणना में 215 और एक अन्य मिलाकर कुल 216 जातियों की आबादी की गिनती होगी। 11 अप्रैल तक अधिकारियों से लेकर गणनाकर्मियों तक को प्रशिक्षण दिया जाएगा। कोड या अंक का उपयोग भविष्य की योजनाएं तैयार करने के लिए किया जा सकेगा।
वहीं जातीय आधारित जनगणना में विभिन्न जातियों के लिए अलग-अलग कोड का इस्तेमाल किया गया है। कुल 216 जातियों के कोड पर नजर डालें तो एक नंबर पर अगरिया जाति है। अन्य का कोड 216 है वहीं केवानी जाति के लिए 215 वां कोड इस्तेमाल किया गया है। जबकि सवर्ण जातियों की बात करें तो भूमिहार के लिए 144, कायस्थ के लिये 22, ब्राह्मण के लिए 128, राजपूत के लिए 171 है। कुर्मी जाति का अंक 25 और कुशवाहा कोइरी का 27 है।
वहीं यादव जाति में ग्वाला, अहीर, गोरा, घासी, मेहर, सदगोप, लक्ष्मीनारायण गोला के लिए 167 है। बनिया जाति में सूढ़ी, गोदक, मायरा, रोनियार, पंसारी, मोदी, कसेरा, केसरवानी, ठठेरा, कलवार, कमलापुरी वैश्य, माहुरी वैश्य, बंगी वैश्य, वैश्य पोद्दार, बर्नवाल, अग्रहरी वैश्य, कसौधन, गंधबनिक, बाथम वैश्य, गोलदार आदि शामिल हैं।
आपको यह भी बता दें कि कोई भी व्यक्ति दो बार जातियों की गणना नहीं करवा सकता है। अगर वह ऐसा करेगा तो पकड़ा जाएगा। क्योंकि जाति आधारित जनगणना में मोबाइल एप का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे जातियों के दुबारा गणना होने से बचा जा सकेगा और एप से पकड़ में आ जाएगा।