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बिहार में पंचायतों पर हुई सरकारी खजानों की बरसात शुरू, केंद्र से लेकर राज्य तक ने दिए 7702 करोड़ रुपये
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में अगर आप किसी पंचायत के जनप्रतिनिधियों से पूछेंगे तो यही जवाब मिलेगा की फंड नहीं है इसलिए काम नहीं कर पा रहे हैं । या फिर जो राशी है उससे जितना कार्य हो सकता है वह कर रहे हैं । लेकिन अब यह बहानेबाजी नहीं चलेगी। बिहार की पंचायतों पर केंद्र और राज्य सरकारें मेहरबान हुई हैं। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत बिहार की पंचायती राज संस्थाओं को 3842 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। बिहार की 8058 ग्राम पंचायतों को 2689 करोड़, 533 पंचायत समितियों को 576 करोड़ और 38 जिला परिषदों को 576 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। इतना ही नहीं इसके साथ ही राज्य वित्त आयोग से भी पंचायती राज्य संस्थाओं को 3680 करोड़ रुपये की राशि मिली है। यानी कि कुल मिलाकर पंचायतों को 7702 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं।
पंचायती राज विभाग के मुताबिक केंद्र सरकार से मिली इस राशि का इस्तेमाल गांवों के विकास कार्यों में किया जाएगा। हर घर तक पक्की गली और नाली के तहत छूटे इलाकों में सड़क और नाले का निर्माण कराया जाएगा। जिन बसावटों में नल का पानी नहीं पहुंच रहा, वहां जलापूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा गांव के सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार होगा, शौचालय का निर्माण कराया जाएगा, प्रमुख जगहों पर स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी।
वहीं राज्य वित्त आयोग से पंचायती राज संस्थाओं को 3860 करोड़ हस्तांरित किए गए। यह राशि भी ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषदों में विकास कार्यों में इस्तेमाल की जाएगी। सड़क-निर्माण, हर घर नल योजना के अलावा गांवों में पंचायत सरकार भवन, जिला पंचायत संसाधन केंद्र का निर्माण कराया जाएगा। विभाग ने कहा है कि जिला परिषद छठे राज्य वित्त आयोग से ली विकास निधि का उपयोग अपनी आय बढ़ाने के मद में करेगा। साथ ही सड़कों का भी निर्माण करेगा।
आपको बता दें कि बिहार पंचायत चुनाव के गठन के एक वर्ष हो गए हैं लेकिन जितनी तेजी से गांवों में विकास के कार्य होने चाहिए वह नहीं हो रहा है। गांवों में न नाली का निर्माण तेजी से हो रहा है और न सड़कों का। वहीं नल जल योजनाओं का लाभ भी अभी तक कई घरों में नहीं पहुंच पाया है। जिसपर तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है।