BIHAR NATION is a new media venture of journalist Jay Prakash Chandra .This dot-in will keep you updated about crime, politics , entertainment and religion news round the clock.
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: राजधानी पटना में बच्चों के लिए एडमिशन का नया सत्र अब शुरू हो गया है। इसे लेकर पटना शहर के अधिकतर स्कूलों ने एडमिशन से संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके लिए एडमिशन स्कूल की सीटों के अनुसार ही लिया जाएगा। एडमिशन से संबंधित सारी जानकारी सत्र 2023-24 के लिए वेबसाइट पर भी दी गई है। वहीं बता दें कि एलकेजी में नामांकन के लिए अधिकतर स्कूलों में 15 दिसंबर से ऑनलाइन फॉर्म मिलने लगेंगे। इसके लिए अभिभावकों को एक हजार से 1200 रुपए तक देने होंगे ।
इन कागजातों की पड़ेगी जरुरत
एलकेजी के लिए फॉर्म अधिकतर ऑनलाइन के माध्यम से भरे जाएंगे. फिलहाल अभिभावकों को अपने डॉक्यूमेंट तैयार रखने की जरुरत है। जो लोग अपने बच्चों का एलकेजी में एडमिशन कराना चाहते है उन्हें आधार कार्ड, इम्यूनाइजेशन सर्टिफिकेट, बर्थ सर्टिफिकेट और फैमिली फोटोग्राफ रखना होगा। बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट नगर निगम से बना होना चाहिए। शहर के विभिन्न स्कूलों में बच्चों की उम्र सीमा भी तय की गई है।
15 दिसंबर से मिलेंगे फॉर्म
पटना के सेंट जेवियर्स हाईस्कूल में 15 दिसंबर से फॉर्म मिलने लगेंगे।वहीं, डॉन बास्को स्कूल में 16 दिसंबर और लोयला हाईस्कूल में 17 दिसंबर से फॉर्म मिलेगा। कार्मल हाई स्कूल के एलकेजी का फॉर्म 25 दिसंबर के बाद जारी किया जाएगा। इसी तरह नोट्रेडेम एकेडमी भी एडमिशन फॉर्म की जानकारी दिसंबर के आखिरी हफ्ते से मिलेगी।
वहीं पटना विश्वविद्यालय में नये सत्र 2023 से मास्टर ऑफ फाइन आर्ट (एमएफए) की पढ़ाई नये सत्र 2023 में शुरू हो जायेगी। तैयारी चल रही है। पुरानी फाइल एक बार फिर टेबल पर लौट आयी है। इस पर काम किया जा रहा है। राजभवन ने कोर्स के संचालन के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं होने के साथ-साथ एक आर्ट फैकल्टी स्थापित करने की भी बात कही थी। जल्द ही इस दिशा में फाइनल प्रस्ताव तैयार होगा। स्टूडेंट्स ने कहा कि सत्र 2023 में पढ़ाई शुरू होने से लाभ मिलेगा।
गौरतलब हो कि पटना में नामंकन क लिए सभी स्कूलों में काफी दूर-दूर से लोग आते हैं । वे चाहते हैं कि राजधानी के सबसे बेहतर स्कूल में उनके बच्चे का एडमिशन हो जाए जिससे बेहतर शिक्षा मिल सके। क्योंकि बिहार की सरकारी शिक्षा व्यवस्था कैसी है यह किसी से छुपी नहीं है। यहाँ तक कि जो इस सरकारी शिक्षा विभाग अफसर हैं वे भी प्राइवेट में अपने बच्चों को राजधानी में या दूसरे प्रदेश में पढ़ने के लिए भेजते हैं।