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विशेष रिपोर्ट: पत्नी कोई मशीन नहीं, वह भी बीमार पड़ सकती है, वह सिर्फ मांस और हड्डी नहीं, उसके अंदर भी एक जान. . .  

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट 

बिहार नेशन: आज के समय में लोग पत्नी को मशीन समझते हैं । लेकिन कभी आपने यह सोचा है कि उसके अंदर भी एक जान होती है। उसका भी एक शरीर है जैसे पुरूषों का है। और वह भी बीमार हो सकती है। मान लिया कि पत्नी गृहस्थी की धुरी होती है। वह सब का ख्याल रखती है प्रेम बांटती है। लेकिन यह भी मानकर चलना चाहिए कि वह पुरूषों से कम नहीं जिम्मेदारियां उठाती हैं। पति ये क्यों भूल जाते हैं कि महिला का शरीर कोई मशीन नहीं है। अरे मशीन भी खराब हो जाती है ये तो फिर भी इंसान है। वह सिर्फ मांस और हड्डी नहीं है। उसके अंदर भी एक जान रहती है।

अरे, महिलाओं की हालत तो ऐसी है कि वे अपने ऊपर ध्यान ही नहीं दे पाती हैं। उन्हें सुबह सबसे पहले जगना होता है। बतर्न, झाडू पोछा करना होता है। फिर गैस पर चाय चढ़ान के साथ ही नाश्ता बनाना, बच्चों औऱ पति का टिफिन तैयार करना। सास-सुसर की देखभाल करनी, कपड़े धोना औऱ घर की डस्टिंग करना शामिल है। बच्चों को स्कूल छोड़ना, उनको स्कूल से लाना, उनका होमवर्क कराना, मेहमानों और पड़ोसियों का ध्यान रखना भी उनका ही काम है।

जो लड़की शादी से पहले तैयार होने में एक घंटा लगाती थी। अब वह 5 मिनट में नहा धोकर बाल समेट कर जूड़ा बना लेती है। उसके पास इतना समय नहीं रहता कि किसी दिन अपने चेहरे पर फेस पैक लगा ले। अपने बालों की मसाज कर ले। शादी के बाद दुल्हन का रूप धीरे-धीरे एक कामवाली बाई का रूप ले लेता है। घर में भागते-भागते उसकी एड़ियां फट जाती है। मसालों में सनी उंगलियों के नाखून पीले पड़ जाते हैं। शरीर फैल जाता है। वे अपने काम में अपनी घर गृहस्थी में इतना रंग जाती है कि अपने आपको भूल जाती हैं। अच्छा यह सब पतिदेव के सामने ही हो रहा होता है। पति, अपनी बदलती हुई पत्नी को देखते हैं मगर कोई मदद नहीं करते हैं।

वे चाहते हैं कि पत्नी सब कुछ खुद ही मैनेज कर ले। वे चाहते हैं कि पत्नी एडजस्ट करके घऱ-बाहर सब कुछ अकेले ही संभाल ले। वे चाहते हैं कि जब उन्हें पत्नी की जरूरत हो तो वह किसी हिरोइन की तरह चकाचक बन जाए। जब वह काम करे तो एक दम कामवाई बाई की तरह काम करे। जब मां बने तो बच्चों पर जान न्योछावर कर दे और जब बहू बने तो आदर्श कहलाए।

लेकिन वे नहीं देख पाते हैं कि एक ही महिला का इन सभी किरदारों में फिट होना कितना मुश्किल है। पतियों की नजरों में तो महिला सुपर वुमन है, वह सब कर सकती है। इतना सब होने के बाद जब उस महिला का शरीर ढल जाता है वे उसे ताने मारने में देरी नहीं करते।

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