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शिक्षक भर्ती परीक्षा: BPSC चेयरमेन अतुल प्रसाद के ट्वीट से शिक्षक परीक्षार्थियों में असमंजस, जानिए क्या कहा…
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में शिक्षकों की भर्ती को लेकर 24 अगस्त से परीक्षा होनेवाली है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से लाखों अभ्यर्थियों में निराशा है। वहीं अभ्यर्थियों के मन में यह भी सवाल है कि परीक्षा निर्धारित तिथि पर होगी या नहीं।
हालांकि बिहार लोक सेवा आयोग के चेयरमैन अतुल प्रसाद ने ट्वीट कर परीक्षा समय पर ही लेने की बात दोहराई है। इसे लेकर बिहार लोक सेवा आयोग(BPSC) के चेयरमेन अतुल प्रसाद लगातार इस मुद्दे पर अपनी बात रख रहें हैं। उन्होंने इसी क्रम में एक और ट्वीट किया है जिससे छात्रों में आशंका उत्पन्न हो गई है।
बीपीएससी चेयरमेन ने रविवार को ट्वीट करके लिखा था कि शिक्षक नियुक्ति परीक्षा अभी न तो स्थगित हुई है और न ही इसे स्थगित करने की योजना है।वहीं आज एक दूसरा ट्वीट अतुल प्रसाद ने इस मुद्दे पर किया है जिसमें लिखा है कि समय पर टीआरई(शिक्षक भर्ती परीक्षा) रोकना और कुछ अभ्यर्थियों को अयोग्य ठहराना दो अलग-अलग बातें हैं।
जबकि माननीय सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश से अब तक पूर्व के आदेश अप्रभावित है, बाद वाले के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता है।उम्मीदवारों को अपने सर्वोत्तम हित में अनुमान लगाने में यथार्थवादी होना चाहिए।
अतुल प्रसाद के इस ट्वीट से इस आशंका को बल मिला है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में बी.एड पास अभ्यर्थियों को पहली से पांचवी तक के लिए अयोग्य करार दिया जा सकता है। ऐसे में परीक्षार्थियों की परेशानी बढ़ना स्वाभाविक है।
बतातें चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटीई और केंद्र सरकार की एसएलपी खारिज करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया था जिसमें अब केवल BTC डिप्लोमा धारक ही तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा लेवल-1 में पात्र होंगे.राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारियों को कक्षा 1 से 5 तक के लिए पात्र मानने वाले नोटिफिकेशन को रद्द किया था.राजस्थान हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही बताया।
एनसीटीई ने 2018 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था. इसमें कहा गया था कि बीएड डिग्रीधारकों को भी रीट लेवल-1 के लिए योग्य माना जाएगा। अगर बी.एड डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के साथ छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा।
राजस्थान में रीट लेवल-1 में बीएड डिग्री धारकों को शामिल करने पर बीटीसी डिप्लोमाधारी आंदोलन पर उतर आए थे। इसके बाद यह मामला राजस्थान हाईकोर्ट पहुंचा था। हाईकोर्ट में एनसीटीई के नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई।
वहीं बीएड वालों ने रीट लेवल-1 में शामिल करने के लिए अपील हाईकोर्ट से की। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में बीएड वालों को लेवल-1 से बाहर कर दिया था। राजस्थान हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ एनसीटीई और केंद्र सरकार ने बीएड वालों के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।