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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की पुलिस सरेआम जनप्रतिनिधियों से गुंडागर्दी करने पर उत्तर आई है। पुलिस को यह पता ही नहीं है कि कैसे एक जनप्रतिनिधि के साथ पेश आना चाहिए। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर के सीसामऊ सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) MLA इरफान सोलंकी से जुड़ा है। उन्हें एक मामले में बुधवार को कानपुर अदालत में पेश किया गया। अदालत से बाहर निकलते समय इरफान सोलंकी ने जब मीडिया से बात करने का प्रयास किया तो पुलिस के एक दारोगा ने विधायक की गर्दन पकड़ ली और उन्हें खींचने का प्रयास करने लगा। इस पर इरफान सोलंकी भड़क गए। इसका वीडियो सामने आया है।
कानपुर के सीसामऊ सीट से समाजवादी पार्टी (SP) विधायक इरफान सोलंकी को बुधवार को कानपुर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट से बाहर निकलते वक्त इरफान सोलंकी जब मीडिया से बात करने की कोशिश की तो पुलिस के एक दारोगा ने विधायक की गर्दन पकड़ और खींचने की कोशिश करने लगा। pic.twitter.com/GSFeqhY2K9
— santosh singh (@SantoshGaharwar) January 4, 2023
वही इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे समाजवादी पार्टी विधायक इरफान सोलंकी के अदालत से बाहर निकलते ही पुलिस वाले उनके साथ धक्का-मुक्की करने लगे। MLA इरफान सोलंकी ने जब पत्रकारों से बात करने का प्रयास किया तो एक दारोगा ने उनकी गर्दन पकड़कर खींचने का प्रयास किया। इस पर इरफोन सोलंकी नाराज हो गए तथा चिल्लाने लगे।
वहीं इसके बाद भी पुलिसकर्मियों ने समाजवादी पार्टी विधायक इरफान सोलंकी को धक्का देकर पुलिस की जीप में बैठा दिया। इससे पहले इरफान सोलंकी ने कहा कि कलम भी इनकी, पेपर भी इनका, अदालत सबकी है। मैं पहले भी बेगुनाह था, आज भी बेगुनाह हूं, इंशाल्लाह अदालत मुझे बेगुनाह साबित करेगी। फिलहाल अदालत ने दोनों मुकदमों में 14 दिन और गैंगस्टर में एक महीने की न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है।
लेकिन जो सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या एक जनप्रतिनिधि के साथ पुलिस का यह व्यवहार उचित है। क्या कानून उन्हें इस तरह के व्यवहार करने की इजाजत किसी जनप्रतिनिधि के साथ देता है ? अगर नहीं तो क्या ऐसे दारोगा और पुलिसकर्मी के खिलाफ सीएम योगी कारवाई करेंगे? राजनीतिक प्रतिद्बन्दता अपनी जगह है लेकिन सदन के सदस्यों के साथ मर्यादा भी मायने रखती है।