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नीमा-आंजन पंचायत में बूंद-बूंद पानी के लिए मचा है हाहाकार, जलमिनार केवल बढ़ा रहे शोभा, कोई नहीं सुनता !

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: बिहार के औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड अंतर्गत कई पंचायतों में सीएम नीतीश कुमार की ड्रीम प्रोजेक्ट नल जल योजना पूरी तरह से फेल्योर साबित हो रही है। हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के सरकारी दावे भले ही कागजों की शोभा बढ़ा रही हो, पर धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है।

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जून माह में पड़ रही प्रचंड गर्मी के कारण जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है। चापाकल और जलमीनार अब हाथी के दांत साबित हो रहे हैं। जलस्तर नीचे चले जाने के कारण चापाकलों में कई बार पंप करने के बाद पानी आ रहा है, वह भी आधा और एक बाल्टी भर। ऐसे में लोगों को अपनी बारी आने का घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि जल मिनार खराब पड़े हैं ।

जलमिनार

मदनपुर प्रखंड का सुदूरवर्ती क्षेत्र नीमा आंजन पंचायत के वार्ड संख्या – 4 महादलित टोला में ग्रामीण बूंद -बूंद पानी के लिए तरस तरस रहे हैं। गरीबी के कारण इनके पास इतनी संपत्ति नहीं है कि घर में निजी चापाकल लगा सकें। मजबूरी में गांव वाले नल जल योजना के पानी पर पूरी तरह निर्भर हैं। लेकिन नल जल खराब पड़ी है।

पानी के लिए हाहाकार

वार्ड संख्या – 04 की ग्रामीण महिलाएं सुमंती देवी, दौलती देवी, सुमित्रा देवी, पुनम देवी , रामबली रजक, शैलेंद्र भुइयां , संजय रजक, शैलेश भुइयां , एवं उदय बैठा ने बताया कि उनके वार्ड में पानी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण उन लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सुबह उठते ही पानी की जद्दोजहद शुरू हो जाती है। गांव से लगभग आधा किलोमीटर दूर पर स्थित ब्रह्म स्थान के पास से पानी लाते हैं और अपना काम चलाते हैं।

उक्त ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार चंदा कर जल मिनार जो नल जल योजना से लगा है उसके मोटर को बनवाया। लेकिन कभी भी ठीक नहीं रहा । दो दिन पानी इससे मिलता है और फिर मोटर खराब हो जाता है। इस बारे में वे कई बार पंचायत जनप्रतिनिधि से लेकर प्रखंड के पदाधिकारियों तक गुहार लगाकर थक चुके हैं। लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। केवल आश्वासन मिला। लगभग दो साल से वे इस समस्या से जूझ रहे हैं।

समाजसेवी एवं इस पंचायत के पैक्स अध्यक्ष टिंकू कुमार गुप्ता ने कहा कि वे कई बार इसे अपने स्तर से मोटर को बनवाए हैं ताकि ग्रामीणों को पीने का पानी मिल सके। लेकिन एक दो दिन बाद फिर मोटर खराब हो जाता है। वे कई बार इसे लेकर मदनपुर प्रखंड के जेई वंदना मैम और प्रखंड विकास पदाधिकारी को अवगत करा चुके हैं लेकिन अबतक कुछ नहीं हुआ।

वार्ड 06

वहीं इसी पंचायत के वार्ड संख्या- 06 के राठौर बिगहा का भी यही हाल है। इस वार्ड के ग्रामीणों ने बताया कि हम पेयजल के लिए तरस रहे हैं। हमारी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। ग्रामीण शशिकांत कुमार, जमींदार पासवान, शैलेंद्र पासवान, उमेश पासवान एवं केशवर पासवान समेत कई ग्रामीणों ने बताया कि उनके वार्ड के लोग डेढ़ साल से पानी की समस्या से जुझ रहे हैं। लेकिन उनलोगों की कोई नहीं सुन रहा है।

समिति प्रतिनिधि छोटन सिंह, समाजसेवी टिंकू गुप्ता , वार्ड सचिव

इस पंचायत के समिति सदस्य प्रतिनिधि छोटन सिंह उर्फ कृष्णदेव सिंह ने बताया कि उन्होंने पदाधिकारियों को कई बार इन सभी वार्डों के जल संकट के बारे में अवगत कराया है, परंतु अभी तक इस दिशा में पहल नहीं हुई है। जेई वंदना मैम तो चार बार जल संकट से जुझ रहे इन सभी वार्डों का निरीक्षण भी मेरे आग्रह पर की हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ। केवल स्थल पर आकर खानापूर्ति कर चली गई। हम प्रतिनिधियों के पास इसके लिए सरकार से कोई राशि नहीं दी जाती है कि समिति सदस्य कुछ कर सकते हैं । वे बेबस हैं । उनसे ग्रामीणों की समस्याएँ नहीं देखी जा रही है। इसी कारण वे पदाधिकारियों से गुहार लगाकर थक चुके हैं । अब जिले के संबंधित पदाधिकारियों से ही म्मीद है कि इस दिशा में कुछ होगा।

श्री सिंह ने कहा कि पंचायत के वार्ड संख्या – 03 में तो सबकुछ ठीक है लेकिन पानी लोगों को सही से नहीं मिल रहा है। सबकुछ ठीक रहने के बावजूद भी लोगों को जल संकट झेलना पड़ रहा है। श्री सिंह ने कहा कि पंचायत में जलमीनार केवल शोभा बनकर रह गया है। पंचायत के कई वार्डों में इन दिनों भीषण जल संकट है। गांव में कई जलमीनार और चापाकल हैं, लेकिन पानी नहीं आ रहा है। ऐसे में लोग गांव से एक-दो किलोमीटर की दूरी तय कर पानी लाते हैं।नीमा- आंजन पंचायत के वार्ड नंबर- 4 और 6 में हर घर नल जल योजना फ्लॉप हो गई है। जलमीनार शोभा की वस्तु बनी हुई है।

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