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औरंगाबाद में नहीं होने दी जाएगी किसी भी परिस्थिति में उर्वरक की कालाबाजारी, जमाखोरी एवं तस्करी

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: जिलाधिकारी-सह-अध्यक्ष, उर्वरक निगरानी समिति, औरंगाबाद की अध्यक्षता में आज आयोजित उर्वरक निगरानी की बैठक में उप विकास आयुक्त-सह-सदस्य, उर्वरक निगरानी समिति, औरंगाबाद, श्री सुदामा महतो, जिला कृषि पदाधिकारी, औरंगाबाद, श्री आलोक, सहायक निदेषक (कृषि अभियंत्रण), औरंगाबाद, सभी कम्पनियों के क्षेत्रीय पदाधिकारी, जिले के सभी थोक उर्वरक विक्रेता उपस्थित हुए।

बैठक में खरीफ मौसम के मुख्य समय में किसानों को उचित मूल्य पर सुगमता पूर्वक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु जिला के उर्वरक विक्रेताओं द्वारा उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी, तस्करी, मुनाफाखोरी को रोकने एवं उर्वरकों के मूल्य नियंत्रण हेतु उर्वरक प्रतिष्ठानों पर नियमित छापामारी करने से सम्बंधित विषय पर चर्चा किया गया। जिले में उर्वरक सम्बंधी शिकायतों को निदान करने एवं किसानों की उर्वरक समस्याओं को दूर करने के लिए जिला कृषि कार्यालय में एक उर्वरक नियंत्रण कक्ष की स्थापना करने का निर्देश दिया गया है। निर्देश दिया गया कि इस उर्वरक नियंत्रण कक्ष नम्बर के सम्पर्क नम्बर का व्यापक प्रचार प्रसार समाचार पत्रों के माध्यम से कराया जाय।

उप विकास आयुक्त महोदय औरंगाबद द्वारा निर्देश दिया गया कि किसी भी परिस्थिति में जिले में उर्वरक की कालाबाजारी, जमाखोरी, तस्करी मुनाफाखोरी नहीं हो एवं किसानों को उचित मूल्य पर उर्वरक प्राप्त हो एवं प्रखंड मुख्यालय पर खुदरा उर्वरक विक्रेताओं की सूची सूचना पट पर प्रदर्शित किया जाय। साथ ही बीज वितरण के बारे में समीक्षा किया गया तो पाया गया कि कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकर हड़ताल पर है। इसलिए जिला परियोजना प्रबंधक, औरंगाबाद को निर्देश दिया गया कि बिहार सरकार द्वारा अनुदानित दर पर उच्च गुणवत्ता के बीज बिहार राज्य बीज निगम के माध्यम से ई0-किसान भवन पर उपलब्ध कराया गया है। अपने स्तर से अपने कर्मियों को निर्देशित करते हुए अपने प्रखंड कृषि पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर जीविका दिदी के माध्यम से गॉव-गॉव प्रचार-प्रसार कर उच्च गुणवता की बीज महिला किसानों के बीच बीज वितरण कराया जाय। तथा जिला सहकारित पदाधिकारी को भी निर्देश दिया गया कि पैक्स के माध्यम से गॉवों में प्रचार-प्रसार कर किसानों को बीज वितरण कराया जाय।

श्री अमित कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, इफको, औरंगाबाद के द्वारा नैनो यूरिया के बारे में जानकारी से अवगत कराते हुए बताया गया कि यह यूरिया तरल होता है एवं इसकी मात्रा पौधे के लिए 1 लि0 पानी में 4 मि0लि0 नैनो यूरिया मिलाकर पौधे पर छिड़काव करने से अधिक लाभ होता है साथ ही साथ मिट्टी एवं पर्यावरण पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है।

सभी खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिया गया कि किसानों को विक्रय किये जाने वाले किसी भी उर्वरक का POS मशीन से निकलने वाले बिल आवश्यक रूप से दे। ऐसा नहीं पाये जाने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी। किसी भी परिस्थिति में गैर आधार एवं बिना POS मशीन के उर्वरक बिक्री नहीं करने का निर्देश दिया गया।

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