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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: देश में दुर्गापूजा को लेकर भक्तों में उल्लास है। सोमवार को यानी अष्टमी को माता का महागौरी स्वरूप की पूजा श्रध्दालुओं ने की। आज नवरात्रि का नौंवा दिन है। नवरात्रि में नौ दिन तक जगत जननी जगदंबा की विशेष आराधना होती है, जिसमें महा अष्टमी और महानवमी का विशेष महत्व होता है।
इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।

सिद्धिदात्री देवी के नाम का अर्थ है वो देवी जो सिद्धि प्रदान करती है। महानवमी के दिन पूरे विधि-विधान से मां सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है। इस दिन हवन और कन्या पूजन के साथ ही पावन नवरात्रि का समापन हो जाता है।

नवरात्रि में महानवमी के दिन का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि आज के दिन मां दुर्गा की सच्चे मन से पूजा कि जाए तो सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। मां अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।

जानें, मदनपुर के कर्मकांड मुकेश पाठक से महानवमी की पूजा विधि:
मां सिद्धिदात्री की पूजा के लिए सर्वप्रथम सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। अच्छे वस्त्र धारण करके मां की पूजा का स्थल तैयार करें। चौकी पर मां सिद्धिदात्री की प्रतिमा स्थापित करें और ध्यान करें। मां सिद्धिदात्री को प्रसाद का भोग लगाएं। माता को फल, फूल आदि अर्पित करें। ज्योति जलाकर सिद्धिदात्री मां की आरती करें। अंत में मां सिद्धिदात्री का आशीर्वाद लेते हुए पूजा समाप्त करें।

मां सिद्धिदात्री के मंत्र
‘ॐ सिद्धिदात्र्यै नम:।’
इस मंत्र को पूजा, हवन, कन्या पूजन के समय जपा जाता है. इससे देवी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
‘विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा:
स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु।
त्वयैकया पूरितमम्बयैतत्
का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्ति:।।’

– स्वर्ग व मोक्ष प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए
‘सर्वभूता यदा देवी स्वर्गमुक्ति प्रदायिनी।
त्वं स्तुता स्तुतये का वा भवन्तु परमोक्तयः।।’
-इस मंत्र जाप से भूमि, मकान की इच्छा पूर्ण होती हैं।
‘गृहीतोग्रमहाचक्रे दंष्ट्रोद्धृतवसुन्धरे।
वराहरूपिणि शिवे नारायणि नमोऽस्तुते।।’

– संतान प्राप्ति की इच्छा पूर्ण के लिए माता के इस मंत्र का जाप क
वहीं इस दिन कुछ गलतियां होने से माता रानी रूठ भी जाती हैं। आइए जानते हैं कि महानवमी के दिन कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए।
नवमी के दिन भूलकर भी ना करें ये गलतियां
• महानवमी के दिन देर तक सोते ना रह जाएं। इस दिन सुबह जल्दी स्नान करके माता रानी का पाठ करें। यदि व्रत नहीं भी रखा है तो भी जल्दी स्नान करके पूजा अवश्य करें।
• महानवमी के दिन काले रंग के कपड़े ना पहनें। इस दिन बैंगनी या जामुनी रंग पहनना शुभ होता है। यह रंग मां सिद्धिदात्री को प्रिय है। इसलिए इसी रंग के कपड़े पहन कर मां की पूजा करें।

• मां सिद्धिदात्री की पूजा पूरे तन और मन के साथ करनी चाहिए। पूरे भक्तिभाव से दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इस दौरान मन बिल्कुल केंद्रित होना चाहिए। पूजा के दौरान किसी से बाते ना करें।
• महानवमी के दिन हवन-पूजन जरूर करना चाहिए। इसके बिना नवरात्रि के पूजा-पाठ अधूरे माने जाते हैं। हवन के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि हवन सामग्री कुंड के बाहर ना गिरे।

• नवमी के दिन कोई भी नया काम करने की मनाही होती है।मान्यताओं के मुताबिक नवमी खाली तिथि होती है। मतलब ये है कि इस दिन किए गए कार्यों में सफलता नहीं मिलती है।
• अष्टमी का व्रत रखा है तो महानवमी के दिन कन्या पूजन और उन्हें विदा करने के बाद ही व्रत का विधिवत पारण करें। इससे माता रानी का आशीर्वाद मिलता है।

• नवमी के दिन लौकी का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर अष्टमी का व्रत रखा है तो महानवमी के दिन पारण में हलवा पूरी और चने से ही व्रत खोलना चाहिए।

