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अब स्कूलों के लिए 4स्टेज स्ट्रक्चर तैयार, 10+2 का झंझट खत्म, आसानी से समझिए, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: देश में समय -समय पर हमेशा से बच्चों के स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव होता रहा है। क्योंकि यह समय के साथ बच्चों के लिए जरूरी भी है। उनके पाठ्यक्रम की समीक्षा होनी चाहिए। अब इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई है। जिसमें कई बड़े बदलाव किए गये हैं। अब स्कूलों में पहले की तरह शिक्षा का ढांचा नहीं होगा। पहले 10+2 हुआ करता था, वही अब फोर स्टेज के हिसाब से चलेगा।
अब शिक्षा नीति में बदलाव करते हुए 5+3+3+4 का स्ट्रक्चर तैयार किया गया है। दरअसल सरकार की ओर से शिक्षा नीति को लागू करते हुए स्कूली शिक्षा को बदलने की बात कही गई थी। जिसमें कहा गया था कि अब बच्चों को रटंत विद्या की बजाय प्रयोगात्मक ज्ञान के माध्यम से सिखाया जाएगा।
5+3+3+4 फोर का स्ट्रक्चर
इसमें एक नया ढांचा तैयार करने की बात कही गई, जो कि 3 साल से 18 साल की उम्र तक के बच्चों के लिए फोर स्टेज (5+3+3+4) स्ट्रक्चर है। इसमें 5 का मतलब फाउंडेशनल इयर से है। ये भी 2 भागों में बंटा हुआ है।
5 यानी की पहला स्टेज जो कि आंगनवाड़ी या प्री-स्कूल के 3 साल हैं, वहीं बाकि के दो साल प्राथमिक स्कूल में होंगे। 5 के बाद इसमें 3 है। 3 जिसमें 1 से 2 ग्रेड एक साथ शामिल होंगे। वहीं अगले 3 की बात करें तो ये ग्रेड 3 से लेकर 5 तक तक बांटा गया है। इसके बाद दोबारा 3 है यानी कि ग्रेड 6 से लेकर 8 तक इसमें शामिल हैं। फिर आखिरी का 4 है। 4 साल जो कि ग्रेड 9 से लेकर 12 तक में विभाजित किए गए हैं।
फाउंडेशन स्टेज एवं प्रीप्रेटरी स्टेज
फाउंडेशन स्टेज एक बेसिक स्टेज है। इसमें बच्चा प्री- प्राइमरी को कवर करते हुए क्लास दो तक पहुंचेगा। खेल-खेल में बच्चे को व्यवहार, शिष्टाचार, व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता के बारे में शिक्षा दी जाएगी। जबकि प्रीप्रेटरी स्टेज में क्लास 3 से 5 कवर की जाएंगी। अब इसमें खेल पर आधारित शिक्षा में बदलाव होगा। इसमें पढ़ने, लिखने के साथ-साथ कला, भाषा, विज्ञान और गणित जैसे विषयों में बच्चे को तैयार किया जाएगा।
मिडिल स्टेज और सेकेंडरी स्टेज
मिडिल स्टेज में 6 से 8 तक की क्लास कवर होंगी। बच्चे को इसमें विज्ञान के साथ-साथ सामाजिक विज्ञान और मानविकी जैसे विषय सिखाए जाएंगे।. . जबकि सेंकेडरी स्टेज. . . यह आखिरी स्टेज होने के साथ-साथ इस स्टेज में बच्चों के पास विषयों को चुनने का विकल्प होगा। साथ ही बच्चों की प्रोफेशनल नॉलेज पर ध्यान दिया जाएगा।
प्रीपरेट्री और मिडिल स्टेज में 40 मिनट का पीरियड
इसमें प्रीपरेट्री और मिडिल स्टेज में हर हफ्ते की शुरुआत 25 मिनट की असेंबली के साथ होनी चाहिए। वहीं एक पीरियड 40 मिनट का रहेगा। इसके बाद एक विषय से दूसरी क्लास में पढ़ाई की तैयारी के लिए 5 मिनट का ट्रांजिशन टाइम भी मिलेगा। टाइमटेबल में 15 मिनट का स्नैकर ब्रेक और 45 मिनट का लंच ब्रेक भी रखा जाएगा। इसके अलावा शनिवार को असेंबली नहीं होगी।
क्लास 6 से स्टूडेंट को मिलेगी प्रोफेशनल नॉलेज
नई शिक्षा नीति के तहत छठी क्लास से ही स्टूडेंट्स के स्किल पर ध्यान दिया जाएगा। इसमें बच्चों को प्रोफेशनल नॉलेज वाली वोकेश्नल शिक्षा दी जाएगी। साथ ही बच्चों को इंटर्नशिप भी करवाई जाएगी।
सेकेंडरी में एडिशनल एनरिचमेंट पीरियड भी शामिल
वहीं बात अगर क्लास 9 के बाद की करें तो इसमें 25 मिनट की असेंबली होगी, वहीं 50 मिनट का पीरियड होगा, इसके साथ ब्लॉक पीरियड मिला दें तो इसका समय 100 मिनट का हो जाएगा। सेकेंडरी स्टेज में लंच ब्रेक का टाइम बढ़ाकर 55 मिनट किया जाएगा। इसके साथ ही इसमें एडिशनल एनरिचमेंट पीरियड भी शामिल किया जाएगा, जिसके लिए स्कूल डेज बढ़ाए गए हैं।
क्लास 9 से 12 तक 8 ग्रुप में बांटे गए विषय
आखिरी के 4 साल बच्चों के लिए काफी खास भी होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें बच्चों के पास अपना मनपसंद सब्जेक्ट चुनने का विकल्प होगा। जो कि 8 ग्रुप में बांटे गए हैं। इनमें ह्यूमैनिटीज, मैथेमेटिक्स-कम्प्यूटरिंग, वोकेशनल एजुकेशन, आर्ट्स, फिजिकल एजुकेश, साइंस, सोशल साइंस और इंटर डिसिप्लीनरी सब्जेक्ट शामिल हैं।
आपको बता दें कि सरकार की ओर से नए इस फार्मूले के आधार पर शिक्षा प्रणाली में लचीलापन लाने की कोशिश की गई है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि इन बदलावों के बाद पाठ्यक्रम लचीलेपन पर आधारित होगा, इसमें स्टूडेंट्स जल्द से जल्द नई चीजें सीख पाएंगे, साथ ही उनके पास कार्यक्रमों को सीखने का भी अवसर होगा।
क्या थी 1986 शिक्षा नीति भारत की?
1986 शिक्षा नीति भारत की एक महत्वपूर्ण शिक्षा नीति थी जो उस समय की स्थिति के आधार पर तैयार की गई थी। इस नीति का उद्देश्य भारत के शिक्षा क्षेत्र में सुधार करना था और सभी वर्गों के छात्रों को शिक्षा के लिए उपलब्ध कराना था।
इस नीति के मुताबिक, नई शिक्षा नीति का लक्ष्य भारतीय समाज के लिए आवश्यक और उपयोगी नैतिक मूल्यों और भारतीय संस्कृति के साथ अध्ययन के माध्यम से छात्रों को समृद्ध बनाने का है। इस नीति के अनुसार, सभी छात्रों को उच्च शिक्षा तक पहुंचने के लिए उपयुक्त शिक्षा उपलब्ध कराना था।
इस नीति के अंतर्गत, शिक्षा के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया गया था जैसे कि बाल शिक्षा, महिला शिक्षा, अंतर्राष्ट्रीय संबंध और तकनीकी शिक्षा आदि।
इसमें पहली बार 1992 में सुधार किया गया था। फिर बीजेपी पार्टी ने इस शिक्षा नीति के मामले को अपनी घोषणा पत्र में शामिल किया। इसके पहले क्लास 10 तक सामान्य पढ़ाई होती थी । जबकि 11 वीं में छात्रों के पहुंचने के बाद उन्हें विषय चुनने की जरूरत पड़ती है।