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मदरसों में बदल गई नियुक्ति की प्रक्रिया, अब नियुक्ति की सारी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग के पास होगी

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: बिहार के मदरसों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। अब मदरसों की बहाली में किसी की मनमानी या रिश्तेदारी नहीं चलेगी । पिछले कुछ समय से यह शिकायत मिल रही थी कि मदरसों में होनेवाली नियुक्तियों में अधिकारियों के रिश्तेदारों को मौका दिया गया है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब यह स्थिति बदलेगी । राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि मदरसों में सहायक शिक्षक, लिपिक और परिचारी के पदों पर अब शिक्षा विभाग नियुक्ति करेगा।

सोमवार को राज्य कैबिनेट की मंजूरी के बाद मंगलवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी। इसके तहत मदरसों में अब सीधी नियुक्तियां होंगी। मदरसों में होनेवाली नियुक्तियों के लिए जिलों में तैयार सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाएगा। इसी पोर्टल पर रिक्तियां भी अपलोड की जायेंगी। नियुक्तियों के लिए ऑनलाइन आवेदन लिये जायेंगे। आवेदनों के आधार पर मेधा सूची और चयन सूची का निर्माण वेब पोर्टल के माध्यम से होगा। मेधा सूची की वैधता एक साल तय की गयी है। नियुक्तियों से पूर्व काउंसलिंग की जायेगी। काउंसलिंग बिहार शिक्षा सेवा के पर्यवेक्षण में होगी।

चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच भी की जायेगी। वस्तानिया स्तर पर नियोजन में सीटीइटी, टीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को और फौकानिया और मौलवी स्तर पर एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जायेगी। अधिसूचना के मुताबिक मदरसा प्रबंध समिति को प्रोन्नति के तहत होने वाली नियुक्ति का अधिकार दिया गया है। इसके अलावा प्रबंध समिति को मदरसों की अन्य नियुक्ति को लेकर भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

नए अधिसूचना के अनुसार हेड मौलवी के पद पर प्रोन्नति के लिए सीधी भर्ती नहीं होगी। योग्यता व शिक्षण अनुभव की अनिवार्यता होगी। आलिम शिक्षक के पद पर न्यूनतम पांच साल और निर्धारित योग्यता रहने पर फाजिल के पद पर प्रोन्नति होगी। वहीं मौलवी सहायक के पद पर न्यूनतम चार साल की अवधि पूरी होने और आलिम की योग्यता होने पर नियुक्ति की जायेगी।

इसी तरह इंटरमीडिएट प्रशिक्षित के पद पर न्यूनतम चार साल की समयावधि पूरी करने और स्नातक योग्यता पूरी करने पर स्नातक शिक्षक की प्रोन्नति दी जायेगी।  हाफिज, मौलवी सहायक और इंटरमीडिएट प्रशिक्षित के पद पर सीधी नियुक्ति होगी।यह सारी नियुक्तियां प्रबंध समिति की देखरेख की जाएगी।

वस्तानिया स्तर के मदरसा में ऑरिएंटल, प्राच्य भाषा, शिक्षण और आधुनिक विषय, शिक्षण के कुल छह शिक्षक सहित कुल सात कर्मियों की संख्या निर्धारित है।फौकानिया मदरसा के लिए 12 पद होंगे। इनमें शिक्षकों के 10 पद होंगे। मौलवी स्तर तक मदरसा में कुल 15 पदों में 10 पद शिक्षकों के होंगे।

मौलवी स्तर तक के मदरसा की प्रबंध समिति का गठन मदरसा के पोषक क्षेत्र में वयस्क निवासियों की आम सभा के जरिये होगी। इसमें एक हैड मौलवी ,एक वरिष्ठ शिक्षक, दो भूमिदाता, जिन्होंने न्यूनतम 10 हजार रुपये का भी दान दिया हो, दो अभिभावक प्रतिनिधि, दो प्राच्य भाषा के विद्वान और मदरसा बोर्ड से नामित शामिल होंगे। इसके अलावा उसकी कार्य और शक्तियां भी निर्धारित हैं।

आपको बता दें कि अब इस नये नियमावली के तहत सभी प्रकार के मदरसों को बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड संबद्धता देगा । साथ-साथ उसके प्रबंधन पर भी नजर रखेगा और उसकी परीक्षा कराएगा। इस बोर्ड में अध्यक्ष के अलावा  आठ पदाधिकारी भी होंगे ।कुल मिलाकर देखा जाय तो राज्य सरकार की मंशा नियुक्ति में पारदर्शिता लाने की और अधिकारियों की मनमानी रोकने की है।

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