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पटना पुलिस ने अपनी फजीहत के बाद गायघाट रिमांड होम अधीक्षक वंदना गुप्ता के खिलाफ किया मामला दर्ज

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: आखिरकार बुधवार को पुलिस ने अपनी फजीहत करवाने के बाद पटना के गाय गायघाट स्थित बालिका गृह कांड मामले में होम की अधीक्षक वंदना गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। यह केस दर्ज  रिमांड होम की दूसरी पीड़िता की शिकायत के बाद किया गया है। बता दें कि पटना पुलिस ने रिमांड होम से निकली पहली पीड़िता की लिखित शिकायत के बाद रिमांड होम कि शिक्षक के ऊपर केस दर्ज नहीं किया था। रिमांड होम से निकली दूसरी पीड़िता ने मंगलवार की शाम वंदना गुप्ता के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए महिला थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।

वंदना पर यौन उत्पीड़न की धारा 354 ए और नशीली दवा देने की धारा 450 ए के तहत केस कांड संख्या 13/2022 दर्ज किया गया है। महिला थाने की थानेदार किशोरी सहचरी ने बताया कि केस दर्ज कर लिया गया है। लूसी कुमारी को इस केस का आईओ बनाया गया है। गुरुवार को पुलिस पीड़िता को बुलाएगी और 161 के तहत उसका बयान दर्ज करेगी। कोर्ट में भी उसका बयान दर्ज कराया जाएगा। सारी प्रक्रिया पूरा होने के बाद जांच करने के लिए पुलिस महिला रिमांड होम जाएगी और वंदना से पूछताछ करेगी।

दूसरी पीड़िता ने जो दर्ज केस कराया है उसमें कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पीड़िता ने कहा है कि अधीक्षक वंदना गुप्ता रिमांड होम में रहने वाली लड़कियों को नशा की दवा देती थी। यही नहीं वह बाहर से लड़कों को भी बुलाती थी। चार साल में रिमांड होम में रह चुकी इस पीड़िता ने वंदना गुप्ता पर आरोप लगाया है कि उन्होंने विरोध करने पर जमकर पिटाई की थी। वर्ष 2020 में वह रिमांड होम से रिलीज हुई थी। इसे मुजफ्फरपुर में एक दलाल के हाथों सौंप दिया गया था। इससे पहले रिमांड होम से निकली एक पीड़िता ने 29 जनवरी को वंदना पर गंभीर आरोप लगाए थे। उसका वीडियो भी वायरल हुआ था। महिला विकास मंच से जुड़ी पदाधिकारी उसे लेकर डीएम, एसएसपी और महिला थाना तक गई थीं। बावजूद उस पीड़िता से पूछताछ किए बिना ही समाज कल्याण विभाग ने वंदना को क्लीनचिट देते हुए पीड़िता के सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।

मालूम हो कि इससे पहले भी मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड काफी चर्चा में आया था जिसमें नीतीश सरकार के कई मंत्री भी फंसे थे!  यहाँ तक की तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को मंत्री पद से स्तिफ़ा देना पड़ा था। वहीं विपक्ष ने भी जमकर इस मुद्दे को उठाया था। इसमें जांच के बाद ब्रजेश मिश्रा को मुख्य सरगना बताया गया ।

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