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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार सरकार ने दो बालू खनन करनेवाली कंपनियों पर सख्ती बरतने का आदेश दे दिया है। इन दोनों कंपनियों ने राजस्व नहीं दिया है।ये राजस्व का पैसा पचाकर बैठी हैं । लेकिन अब बकाए राजस्व के वसूली के आदेश दे दिये गये हैं ।
खनन विभाग के प्रधान सचिव ने बैठक में अधिकारियों से साफ कहा है कि पूर्व बालू बंदोबस्तधारियों के विरुद्ध बकाया राजस्व की वसूली में तेजी लाए जाय्।
प्रधान सचिव ने संबंधित जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों से कहा है कि बालू बंदोबस्तधारियों के यहां जो सरकारी राशि बकाया है उनकी वसूली करें।
पटना, भोजपुर एवं सारण में पूर्व बालू बंदोबस्त मेसर्स ब्रॉडसन कॉमोडिटिज तथा रोहतास एवं औरंगाबाद में आदित्य मल्टीकॉम के विरुद्ध दायर नीलाम पत्र वादों में सन्निहित कुल राशि के विरुद्ध वसूली की कार्रवाई करें।
सरकारी राशि वसूली के लिए व्यक्तिगत अभिरुचि लें एवं नीलाम पत्र पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर शत-प्रतिशत वसूली सुनिश्चित कराएं।
दरअसल, खान एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव ने 10 जनवरी को क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी।
बैठक में यह बात उभरकर आई की राजस्व वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद के माध्यम से वसूली नहीं की जा रही है।
समीक्षा में पाया गया कि रोहतास, बक्सर, गया, औरंगाबाद, नवादा, अरवल, जहानाबाद, लखीसराय, जमुई, मुंगेर, किशनगंज, बेगूसराय, खगड़िया, बेतिया, वैशाली, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्णिया, कटिहार, मधुबनी,
बांका, भागलपुर,सारण,सिवान एवं सहरसा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए नीलाम पत्रवादों में वार्षिक लक्ष्य के विरुद्ध दिसंबर 2021 तक शून्य राजस्व की प्राप्ति हुई थी।
इसके बाद खान एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव ने जिम्मेदार अधिकारियों से नीलाम पत्र वाद में तेजी लाने का निर्देश दिया है।
गौरतलब हो कि बिहार में लंबे समय से बालू खनन पर राज्य सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा था। जिससे निर्माण कार्य सरकारी और गैरसरकारी दोनों प्रभावित थे। हालांकि अब बालू घाटों की नीलामी से लोगों ने राहत की साँस ली है और निर्माण कार्य शुरू हो गया है।