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गया,औरंगाबाद में 114.03 किमी लंबी सड़क निर्माण के लिये दिये भारत सरकार ने 01 अरब 23 करोड़ 40 लाख रुपये दिये
बिहार नेशन: बिहार के लोगों के लिये बड़ी खुशखबरी है। खासकर औरंगाबाद और गया जिले के लोगों के लोगों के लिये । क्योंकि भारत सरकार ने 01 अरब 23 करोड़ 40 लाख रुपये की लागत से 114.3 किलोमीटर की लंबी सड़क बनाने की परियोजना एल.डब्ल्यू.ई (वामपंथी उग्रवाद प्रभाग) को स्वीकृति दे दी है।
इस योजना के तहत ऐसे सड़कों का निर्माण होना है जो जंगली, पहाड़ी, दुर्गम एवं नक्सल प्रभावित इलाका है। यह न सिर्फ यहां के लोगों के लिए आवागमन का साधन बनेगा बल्कि इनके आर्थिक, शैक्षणिक व समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इस मामले की जानकारी देते हुए औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के सासंद सुशिल कुमार सिंह ने कहा कि यह नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए अच्छी सौगात है। यह यहां के लोगों के लिए मिल का पत्थर साबित होगा।
औरंगाबाद और गया जिला वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की सूची में आता है जिसको लेकर हमने पूर्व में यहां के सड़कों की यथा स्थिति को लेकर इन क्षेत्रों में सड़क निर्माण कराने के लिए भारत सरकार से मांग किया था जिसमें गृह मंत्री के आदेशों के उपरांत मेरे संसदीय क्षेत्र औरंगाबाद और गया में एल डब्ल्यू ई (वामपंथ उग्रवाद) रोड कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट के तहत स्वीकृति मिल गयी है।
सांसद ने बताया कि इसमें कुल 114.3 किलोमीटर दुर्गम पहाड़ी एवं नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण कार्य भारत सरकार द्वारा करवाया जाएगा जिसके निर्माण कार्य पर 01 अरब 23 करोड़ 40 लाख रुपए खर्च होंगे।
उन्होंने कहा कि देश के विकास के साथ-साथ इन दोनों जिलों का विकास हो जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत ही उन्नत और अच्छी सोच के तहत इन्हें आकांक्षान जिलों की सूची में रखा हैं।
इस योजना का मूल उदेश सड़क, बिजली, सिंचाई, शिक्षा एवं पेयजल सहित अन्य विकासात्मक क्षेत्रों में कार्य करना है। हमारी कोशिश है कि जो देश का औसत विकास हैं उससे भी अधिक हमारे संसदीय क्षेत्र का विकास हो। इसके लिए हम सतत संघर्ष करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि यह निर्माण कार्य के क्षेत्र में बहुत बड़ी कदम है। किसी भी क्षेत्र के विकास में सड़कों की अहम भूमिका होती है। इन सड़कों से न सिर्फ लोगों की आवागमन में सुविधा होगी बल्कि शासन-प्रशासन को भी कानून व्यवस्था स्थापित करने में सहूलियत मिलेगी।
इसके अलावा यहां के किसान अपनी उत्पाद को आसानी से बाजार ले जा सकेंगे और उससे अच्छी आमदनी भी कर पाएंगे। वहीं रोजगार का भी सृजन होगा।
सांसद ने कहा कि इसके अलावा और भी मेरा प्रस्ताव भारत सरकार के यहां है जिसे निकट भविष्य में स्वीकृति मिलेगी। लेकिन जब स्वीकृति मिलेगी तो उसकी जानकारी दे दी जाएगी। इस स्वीकृति के मामले में सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्र की जनता की ओर से प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को धन्यवाद दिया है।
आपको बता दें कि बिहार के ये दो जिले खासकर नक्सल प्रभावित माने जाते हैं । हालांकि अब इसमें बहुत कमी भी देखने को मिल रही है। लोग जैसे-जैसे जागरूक और शिक्षित हो रहे हैं वे इन सभी गतिविधियों से दूर होते जा रहे हैं ।
114.3 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्यों की निम्न सूची है :
गया जिले में इन योजना को मिली स्वीकृति –
मलाही मोड़ (भइया बिगहा) से जेंदूपुर (महुअरी) 12.50 किलोमिटर
लटुआ – लटुआ असुरैन ब्रिज : 03 किलोमिटर
कंचन – अंबाबार : 03 किलोमिटर
सलैया – झारखंड बॉर्डर : 02 किलोमिटर
फतेहपुर – लुटिटंड : 03 किलोमिटर
लटखुट्टा – चौराहा पोखरिया : 03 किलोमिटर
झराना- जीतेतर : 10 किलोमिटर
जगरनाथ – रेवडा चौराहा वाया नौकाडीह : 04 किलोमिटर
औरंगाबाद जिला में इन सड़कों को मिली मंजूरी –
चिलमी टोला – लंगूराहीं : 09 किमी
रामा बांध – अंबा भारती : 02 किमी
प्रेम नगर – डोकरी : 1.5 किमी
जुड़ाही नहर – भंडारी : 17 किमी
वकीलगंज – चिलमी रोड वाया भगवानपुर पीतांबरा लालटेन गंज : 07 किमी
धकपहहारी – सागरपुर : 04 किमी
अंबा नबीनगर – चकुआ : 4.60 किमी
बिश्रामपुर – मुरगरा – नारायणपुर : 04 किमी
परैया – गंजोई : 03 किमी
पसिया भंडारी – बंगला बगीचा : 02 किमी
चिंगील – बंगला : 04 किमी
भलुआही – झरना मुलाम : 04 किमी
वन बिशुनपुर – छुछिया दुलारे : 04 किमी
पताल गंगा – तालाब : 0. 08 किमी
नरची – नरची गेट : 0.80 किमी
देव बेलसारा- महिला संसाधन केंद्र गार्डन 0.08 किमी