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ग्राउंड रिपोर्ट: औरंगाबाद जिले के समाजसेवी रंजनी रंजन उर्फ पिंटू सिंह की मेहनत रंग लाई,आज हजारों किसानों की लहलहा रही हैं फसलें

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जे.पी. चन्द्रा की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

बिहार नेशन: देश में आजादी के कई दशक बीत गये । किंतु सरकारी नौकरशाहों की उदासीन रवैये के कारण कई क्षेत्रों में किसानों की दशा नहीं सुधरी। परंतु जो कार्य सरकार के इन नौकरशाहों को करना चाहिए था वह कार्य कर दिखाया एक समाजसेवी ने । आज हम बात करनेवाले हैं ऐसे ही एक समाजसेवी की जिनके अथक परिश्रम एवं प्रयास से हजारों किसानों के घर में दो वक्त की रोटी पहुंच रही है। उस समाजसेवी का नाम है रंजनी रंजन उर्फ पिंटू सिंह । समाजसेवी पिंटू सिंह औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड अन्तर्गत सलैया गांव के रहने वाले हैं ।

समाजसेवी पिंटू सिंह ने अपने अथक प्रयास से उस क्षेत्र को आबाद किया जहाँ कभी कई एकड़ जमीन बंजर रहती थी । लेकिन आजादी के बाद से इस बंजर भूमि की किसी भी नेता या अधिकारियों ने सुध नहीं ली । जबकि अगर इन खेतों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो जाती तो किसान बहुत पहले से खुशहाल हो जाते। लेकिन किसी ने प्रयास नहीं किया ।

विनम्रता, सौम्यता और सादगी से परिपूर्ण समाजसेवी पिंटू सिंह आज हजारो किसानों के दिलो में बसते हैं। इस बारे में जब मैनें उस क्षेत्र की जनता से बात की तो उस क्षेत्र के लोगों ने बताया कि उनके मेहनत और प्रयास के कारण ही आज वे सभी खुशहाल हैं। वे हमेशा हम सभी जनता की मदद के लिये तत्पर रहते हैं ।

आपको बता दें की मदनपुर प्रखंड अन्तर्गत सलैया गाँव पहाड़ की तलहटी में बसा है। हालांकि आने जानें के लिये पास से ही सड़क गुजरती है। लेकिन उस क्षेत्र की समस्या यह थी की किसानों के लिये सिंचाई का साधन नहीं था । उस क्षेत्र के खेतों में पानी भी पहाड़ से आती थी लेकिन उसका ठहराव नहीं था। वहाँ पानी की ठहराव के लिये कोई बांध नहीं बनाया गया था । ऐसा भी नहीं है कि बांध नहीं था लेकिन था तो वह नाम केवल नाममात्र का। यह बांध लगभग 60-70 वर्ष पुराना था जो कभी दरभंगा महाराज के द्वारा बनाया गया था । जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था ।

लेकिन इसी कार्य को कर दिखाया समाजसेवी पिंटू सिंह ने । उन्होंने लघु सिंचाई विभाग के माध्यम से प्रयास कर पक्का चैक डैम का निर्माण करवाया ताकि पहाड़ का पानी का जमा हो सके । साथ ही उससे सटे ही तरगजगाह में पानी के ठहराव के लिये कंक्रीट गार्ड वाल का निर्माण इन्होंने करवाया ।

 

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इससे पहले की बात करे तो किसान बोरी से पानी रोककर खेती करने का प्रयास करते थें। क्योंकि इस क्षेत्र का रकवा तरगजगाह आहर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था । अगर इस आहर का निर्माण कार्य मिट्टी से किया जाता तो वह पानी की बहाव में बह जाता । इसलिए मनरेगा योजना के माध्यम से चह्का का निर्माण किया गया। जिससे पानी का ठहराव हो। वहीं इसकी मिट्टी की उड़ाही लघु सिंचाई विभाग की योजना के माध्यम से करवाया गया है ।

इसके लिये समाजसेवी पिंटू सिंह को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी । बार-बार राजधानी का चक्कर लगाना पड़ा और विभाग में अधिकारियों को इससे होनेवाले फायदे को समझाना पड़ा । मतलब साफ़ है कि इन्होंने इस कार्य के विजन को अधिकारियों के पास रखा । तब जाकर कहीं इस पक्का बांध के लिये फंड आवंटित हुआ और माइनर एरिगेशन डिपार्टमेंट से इस चैकडैम को स्वीकृति मिली। आज समाजसेवी पिंटू सिंह की मेहनत रंग लाई है और लगभग इस क्षेत्र की 500 एकड़ भूमि इस चैक डैम के माध्यम से सिंचित होती है।

जहाँ कभी इस क्षेत्र की फसलें एक पानी के बगैर नष्ट हो जाया करती थी । लेकिन आज वहाँ किसानों की फसलें लहलहा रही हैं । यही नहीं इस डैम के निर्माण से इस क्षेत्र में पेयजल की समस्या भी दूर हुई है।

ग्राम पंचायत मदनपुर- मुखिया प्रत्याशी

लोगों के पास पहले चापाकल तो था लेकिन पानी का लेवल इतना निचले स्तर पर पहुंच गया था कि कई बार प्रयास के बावजूद भी थोड़ा पानी निकलता था । लेकिन आज पानी का लेवल भी इस डैम के निर्माण से उपर आ गया है और अब लोगों के पेयजल की समस्या दूर हो गई है।  इन्होंने पर्यावरण पर भी पूरा ध्यान दिया । जगह-जगह पर वृक्षारोपण का कार्य भी करवाया है।

एरकी कला,मुखिया प्रत्याशी
ग्राम पंचायत एरकी कला-मुखिया प्रत्याशी

यह कहानी है उस देश की जहाँ की 80 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या कृषि कार्य पर निर्भर करती है। लेकिन अफसोस इस बात का है कि अभी भी ऐसे कई क्षेत्र बिहार में हैं जो सिंचाई की कमी से जुझ रहे हैं और किसानों की फसलें नष्ट हो रही हैं जिससे किसान भुखमरी के कगार पर हैं । वहीं सलैया पंचायत की फसलें समाजसेवी पिंटू सिंह की मेहनत से लहलहा रही हैं और किसानों के चेहरे पर खुशी है।

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