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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में 90 हजार सरकारी शिक्षकों पर तलवार लटकने लगी है। इन सभी शिक्षकों को कई बार शिक्षा विभाग ने अपनी सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड करने के लिए कहा था। लेकिन इन सभी ने उसे अनसुना कर दिया । अब ऐसे लगभग 90 हजार शिक्षकों की लिस्ट निगरानी विभाग को सौंपी गई है।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने शनिवार को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को आदेश दे दिया है। सूची जिले में निगरानी के नामित अफसरों को दी जाएगी, ताकि जांच कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। यह जांच पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में चल रही है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक वर्ष 2006 से 2015 तक बहाल हुए तीन लाख 12 हजार 180 शिक्षकों की जांच विजिलेंस टीम कर रही है। इनमें 89 हजार 874 शिक्षकों के सर्टिफिकेट फोल्डर नियोजन इकाइयों से जांच के लिए विजिलेंस टीम को नहीं मिले हैं।
ऐसे शिक्षकों को पिछले वर्ष निर्देश दिया गया था कि अपने सर्टिफिकेट को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना सुनिश्चित करें। साथ ही, ऐसे शिक्षकों को आगाह किया गया था कि यदि सर्टिफिकेट को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया तो उनकी नौकरी जाएगी और वेतन मद में भुगतान की गयी राशि की वसूली भी होगी।
बता दे कि शिक्षकों को यह मौका 21 जून से 20 जुलाई 2021तक में सर्टिफिकेट को शिक्षा विभाग की पोर्टल जो जारी किया गया था उसपर अपलोड करना था। लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद दोबारा इन शिक्षकों के लिए समय सीमा बढ़ाकर 23 अगस्त से 31 अगस्त तक कर दी गई । इसके बावजूद भी इन शिक्षकों ने अपना सर्टिफिकेट अपलोड नहीं किया । अब इनके नामों की सूची निगरानी की दी गई है। मालूम हो कि सारी जांच प्रक्रिया पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर की जा रही है।