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बिहार की सियासत में लालू प्रसाद की तारीफ कर कोई बड़ा उलटफेर तो नहीं करनेवाले हैं जीतन राम मांझी,पढ़े ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट  

बिहार की सियासत एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के दौर में भी तेज हो गई है। इस सियासत में गर्माहट भरने का कार्य किया है पूर्व सीएम एवं हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी ने

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जे.पी.चन्द्रा की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट 

बिहार नेशन: बिहार की सियासत एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के दौर में भी तेज हो गई है। इस सियासत में गर्माहट भरने का कार्य किया है पूर्व सीएम एवं हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी ने । उन्होंने हाल के दिनों में जिस तरह से बयान दिए हैं और एनडीए के घटक दलों के नेताओं से अकेले में मुलाकात की है उससे बिहार का राजनीतिक पारा अचानक से गर्म हो गया है। लेकिन इन सबके बीच सवाल उठना लाजमी है कि आखिर उनके मन मे इस समय चल क्या रहा है ?  एकाएक उनका राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव से बढ़ा प्रेम  क्या एक सामान्य सी बात है या फिर कुछ बात और है । क्या यह बिहार में किसी राजनीतिक उथल-पुथल का संकेत तो नहीं है ?  ये सारे सवाल आपके जेहन में उठ रहे होंगे और बिहार की सियासत में भी तैर रही है।

मंगलवार को हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को एक तरफ शादी की सालगिरह की बधाई दी और कहा कि आप हमेशा स्वस्थ्य रहे । लोगों की सेवा करते रहें । वहीं दूसरी तरफ उन्होंने एनडीए पर सवाल खड़े किये । फिर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी बुला ली । ये सभी घटनाक्रम कहीं राजनीतिक उल्टफ़ेर के संकेत तो नहीं हैं ?

इससे पहले आपको बता दें की पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पीएम नरेंद्र मोदी के कोरोना टीका सर्टिफिकेट में फोटो पर सवाल खड़े किये थें । उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि अगर कोरोना टीके के प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री का फोटो है तो मृत्यु के प्रमाणपत्र पर भी फोटो होना चाहिए । इसके बाद तो विपक्ष ने भी खुलकर मांझी का साथ दिया और प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद ने तो यहाँ तक कहा की राजनीती में संभावनाओं के द्वार हमेशा खुले होते हैं ।

वहीं इन सारे प्रकरण पर जब राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मांझी जी वरिष्ठ नेता हैं । इसके बावजूद भी उन्हें तवज्जो नहीं दिया जा रहा है। मांझी के राजद में शामिल होने की बात पर उन्होंने कहा कि राजनीती में कोई किसी का न स्थायी दुश्मन होता है और न स्थायी दोस्त्। यह संभावनाओं का द्वार है।

वहीं इन सभी घटनाओं पर कॉंग्रेस ने मांझी को पुराना कॉंग्रेसी नेता बताते हुए उन्हें खुलेआम ऑफर दे दिया है। कॉंग्रेस एमएलसी प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा की अगर जीतन राम मांझी उनकी पार्टी में आते हैं तो उनका स्वागत है। वे पहले कॉंग्रेस मे मंत्री भी रहे हैं ।

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