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विधि मंत्री से गन्ना मंत्री बने कार्तिक कुमार ने मंत्री बनने के मात्र 15 वें दिन दिया इस्तीफा
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: महागठबंधन की सरकार मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद से ही विवादों में घिरी है। लगा बीजेपी इसे लेकर मंत्रियों पर निशाना साध रही है। अनंत सिंह के करीबी रहे कार्तिक कुमार तो मंत्री बनते ही विवाद में अ गये । उन्होंने राजद कोटे से विधि मंत्री बनाया गया था। लेकिन बीजेपी ने उन्हें लेकर हमले तेज कर दिये। अब उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि उनपर अपहरण का मामला चल रहा है।
अपहरण के एक मामले में आरोपित गन्ना उद्योग मंत्री कार्तिक कुमार ने बुधवार की देर शाम राज्य मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सिफारिश पर राज्यपाल फागू चौहान ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। राजद के विधान पार्षद कार्तिक कुमार ने 16 अगस्त को महागठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली थी। एक दिन पहले ही उनका विभाग बदला गया था। मंगलवार देर रात उनका विभाग बदल कर उन्हें गन्ना उद्योग मंत्री और शमीम अहमद को विधि मंत्री बनाया गया था।
बता दें कि बुधवार सुबह अधिसूचना सार्वजनिक की गयी थी। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि कार्तिक कुमार अब राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य नहीं रहे। गन्ना उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को दिया गया है। मंत्री बनाये जाने के दिन से ही कार्तिक विवादों से घिरे रहे। पंद्रहवें दिन उन्हें सरकार से बाहर हो जाना पड़ा।
वर्ष 2014 में बिहटा में राजीव फ्लैशबैक रंजन नामक व्यक्ति के अपहरण के मामले में दानापुर की निचली अदालत ने कार्तिक कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। जिस दिन (16 अगस्त को) उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली, उसी दिन उन्हें कोर्ट में हाजिर होना था। हालांकि, बाद में अदालत ने उनके खिलाफ कार्रवाई पर एक सितंबर तक रोक लगा दी।

वहीं बीजेपी ने कार्तिक कुमार के खिलाफ अपहरण के मामले में मंत्री कार्तिक कुमार के इस्तीफा देने की मांग की थी। आपको यह भी बता दें कि कार्तिक कुमार अनंत सिंह के काफी करीबी हैं । राजद ने पटना विधान परिषद चुनाव में उन्हें खड़ा किया, जिसमें वह जीते थे। उन्हें मास्टर साहब के नाम से भी जाना जाता हैं। इसी तरह का मामला 2005 में 26 नवंबर को हुआ था जब जीतन राम मांझी ने मंत्री पद की शपथ ली और अगले दिन 27 नवंबर को नीतीश कुमार ने उनसे इस्तीफा ले लिया था।उन पर बीएड घोटाले में संलिप्तता के आरोप थे। ऐसा ही मेवालाल शिक्षा मंत्री के साथ हुआ था।