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औरंगाबाद में पूर्व मंत्री के नाम पर लगे बोर्ड को किया क्षतिग्रस्त, राजद नेताओं ने की DM और SP से कारवाई की मांग

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बिहार नेशन: औरंगाबाद में राष्ट्रीय जनता दल का एक शिष्टमंडल जिला पदाधिकारी एवं आरक्षी अधीक्षक से मिलकर दानी बीघा बस स्टैंड में लगे स्वर्गीय रामविलास सिंह यादव दानी बीघा बस स्टैंड का बोर्ड को असामाजिक तत्वों के द्वारा विगत रात्रि कांटे जाने को लेकर एक आवेदन दिया है और यथाशीघ्र उसकी गिरफ्तारी की मांग जिला प्रशासन से की है।

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बता दें कि स्वर्गीय रामविलास बाबू बिहार सरकार में तीन बार महत्वपूर्ण विभागों में मंत्री रहे थे। और वें औरंगाबाद के दलित पिछड़े और कमजोर तबकों के लड़ाई को लड़ा करते थे। उनके नाम पर जिला परिषद की सामान्य बैठक में आम सहमति से 8 जनवरी को निर्णय लिया गया था। उस बैठक में दानी बीघा जो जिला परिषद के द्वारा निर्मित बस स्टैंड है उसका नामकरण स्वर्गीय रामविलास बाबू के नाम से करने का एवं उनके नाम पर स्मारक एवं प्रतिमा लगाने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद 19 जनवरी को जिला पार्षद एवं राजद नेताओं ने प्रस्तावित स्थल पर बोर्ड लगाया।
जिसको असामाजिक तत्वों द्वारा 8 मार्च की रात्रि को काट लिया गया जिसके चलते जिले में समाज के दबे कुचले एवं पिछड़े मानसिकता को काफी ठेस पहुंचा है।

इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए राजद जिला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव, जिला पार्षद शंकर यादव, शशि भूषण शर्मा, अनिल यादव, ज़िला पार्षद अध्यक्ष प्रतिनिधि शैलेश यादव, संजय यादव समेत कई अन्य ने कहा कि यह कार्य घृणित मानसिकता को दर्शाता हैं। आज जहां हम अपने पूर्वजों, समाजसेवियों, मंत्रियों, समाज व देश में विशेष योगदान देने वाले महापुरुषों की आदम कद प्रतिमा स्थापित कर यथोचित उन्हें सम्मान देने का कोशिश करते हैं। वहीं इस तरह की घटना ओछी मानसिकता का परिचायक हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग उन्माद और ज़िले में अशांति पैदा करने की मंशा रखते हैं जिसके कारण लक्षित करके जिस प्रकार से इस घटना को अंजाम दिया गया है। यह निंदनीय है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ज़िले में पिछड़ों के ‘सूरमा’ कहे जाने वाले रामविलास सिंह यादव सात विभागों के मंत्री रहे। लेकिन कभी उनके दामन पर दाग नहीं लगा। उनके जाति तोड़ो और समाज जोड़ो के सिद्धांत पर आज चलने की आवश्यकता है। वे जात-पात पर विश्वास नहीं रखते थे।

उन्होंने सामजिक सद्भावना के आधार पर समाज का उत्थान किया। उनका मानना था कि जब समाज बढ़ेगा तभी प्रदेश भी विकास की ओर आगे बढ़ेगा। हम सभी को उनके आदर्शों को अनुशरण करने की जरूरत हैं। रामविलास बाबू के आदर्शों व विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है। इंसान अपने कर्म के आधार पर याद किया जाता है।

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