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राजकीय सम्मान के साथ दिवंगत पासवान को दीघा के जनार्दन घाट पर दी जाएगी अंतिम विदाई

दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का अंतिम संस्कार आज राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. पटना के दीघा के जनार्दन घाट पर अंतिम विदाई दी जाएगी. शवयात्रा उनके कृष्णा पुरी आवास से दिन के साढ़े 11 बजे जनार्दन घाट के लिए निकलेगी.

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दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का अंतिम संस्कार आज राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. पटना के दीघा के जनार्दन घाट पर अंतिम विदाई दी जाएगी. शवयात्रा उनके कृष्णा पुरी आवास से दिन के साढ़े 11 बजे जनार्दन घाट के लिए निकलेगी. राजकीय सम्मान के साथ दोपहर डेढ़ बजे उनकी अंत्येष्टि होगी. बता दें कि इससे पहले शुक्रवार की शाम सात बजे के बाद स्वर्गीय राम विलास पासवान के पार्थिव शरीर को दिल्ली से पटना लाया गया. पटना हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद वहां से उनका शव सीधा विधान सभा ले जाया गया. फिर उनके पार्थिव शरीर को पटना पार्टी कार्यालय ले जाया गया. पार्टी कार्यालय में अपने पिता को श्रद्धांजलि देते समय चिराग पासवान रो पड़े.

कार्यालय परिसर का माहौल गमगीन बना रहा. कार्यालय में अत्यधिक भीड़ के बीच पार्टी कार्यालय पहुंच कर श्राद्धांजलि देने वालों में बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह, जाप अध्यक्ष पप्पू यादव, भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, पुतुल सिंह आदि प्रमुख थे.

गौरतलब है कि मोदी कैबिनेट में उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री रामविलास पासवान की सेहत में लगातार गिरावट आ रही थी. दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में उनके दिल का ऑपरेशन 3 अक्टूबर को देर रात किया गया था. वह 24 अगस्त के बाद से ही लगातार परेशानी में थे और पिछले कुछ हफ्तों से अस्पताल में भर्ती थे.रामविलास पासवान का दिल और किडनी ठीक से काम करना बंद कर दिया था. इस वजह से कुछ दिनों से उन्हें आईसीयू में एक्मो (एक्सट्रोकॉरपोरियल मेमब्रेंस ऑक्सीजनेशन) मशीन के सपोर्ट पर रखा गया था. गुरुवार की शाम 6:05 बजे उन्होंने दिल्ली के फोर्टिस अस्‍पताल में अंतिम सांस ली. वह 74 वर्ष के थे.

रामविलास पासवान ने ही सन 2000 में लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना की थी. 2004 में वह तत्कालीन सत्तारूढ़ यूपीए में शामिल हो गए. पासवान को तब केंद्रीय रासायनिक और उर्वरक और स्टील मंत्री बनाया गया. पासवान ने साल 2004 का चुनाव तो जीता, लेकिन 2009 में हार गए. 2010 से 2014 तक राज्यसभा सांसद रहने के बाद वह एक बार फिर से 2014 में हाजीपुर सीट से लोकसभा सांसद के तौर पर चुने गए.

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