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औरंगाबाद: नीरा बेचने के लिए 250 लोगों को मिलेगा लाइसेंस, लाइसेंस के लिए करना होगा ये काम
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: अब जिले में नीरा बेचने वालों के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिनके पास ताड़ और खजूर के पेड़ है वे लाईसेंस ले सकते हैं । लाईसेंस देने का निर्देश जिला मुख्यालय स्थित पुलिस लाइन मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाज सुधार अभियान सभा और समाहरणालय स्थित योजना भवन के सभाकक्ष में अधिकारियों के साथ की गई बैठक के दौरान दिया गया था।
अबतक उत्पाद विभाग के द्वारा 140 लाइसेंस निर्गत किया गया है। 250 लाइसेंस देने का लक्ष्य रखा गया है। लाइसेंस जिनकी ताड़ या खजूर का पेड़ होगा उन्हें या फिर उनके पेड़ से नीरा उतारने वाले को मिलेगा। इसके लिए पेड़ मालिक से नीरा उतारने वाले को एकरारनामा करना होगा। नीरा उतारने वाले को ही लाइसेंस में प्राथमिकता दी गई है। जीविका दीदियों की अनुशंसा पर लाइसेंस निर्गत होगा। सूर्य की किरण फटने के पहले नीरा को बेचने की अनुमति होगी। इसके लिए बेचने वालों को आइबाक्स रखना होगा और इसी बाक्स में नीरा को रखकर बेचना होगा। धूप में नीरा ताड़ी बन जाता है जिसे बेचना गैर कानूनी होगा।
नीरा बेचने का लाइसेंस मुख्यमंत्री जीविकोपार्जन योजना के तहत मिलेगा। जो नीरा बेचेंगे उन्हें इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। ताड़ी उत्पादन एवं बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े परिवारों को सतत जीविकोपार्जन योजना से जोड़ा जाएगा और नीरा परियोजना एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा। इसके लिए प्रखंड के वरीय पदाधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
डीपीएम जीविका पवन कुमार ने बताया कि जिले में करीब 250 ताड़ी उत्पादन से जुड़े परिवारों को नीरा उत्पादन करने को लेकर प्रेरित करने के लिए प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों के पर्यवेक्षण में सर्वेक्षण कराया जा रहा है। बताया गया कि शहरी क्षेत्र में सर्वेक्षण कार्य के लिए नगर कार्यपालक पदाधिकारी, डीपीएम जीविका एवं बीपीएम जीविका को पर्यवेक्षक नामित किया गया है।
आपको बता दें कि फिलहाल बिहार में खासकर बड़ी संख्या में लोग ताड़ी का सेवन करते है। हालांकि सरकार ने इसे नीरा के रूप में बेचने का निर्देश दिया है जिससे लोगों को और अधिक रोजगार मिल सके । अबतक 250 लोगों को ही इसका लाइसेंस देने का लक्ष्य है जिसमें 140 लोगों को दिया जा चुका है।