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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: नीतीश सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार एक्शन मोड में है। इस मामले में जो भी अधिकारी संलिप्त हैं जांच के बाद उनपर कठोर कारवाई की जा रही है। ताजा जानकारी है कि बिहार प्रशासनिक सेवा के एक भ्रष्ट अफसर को सरकार ने निलंबित कर दिया है।
इस बारे में सामान्य प्रशासन विभाग ने संकल्प जारी किया है। बालू खनन में संलिप्तता के बाद सरकार ने उस अफसर को हटा दिया था।
इसके बाद ईओयू ने आय से अधिक संपत्ति केस में भ्रष्ट अफसर के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
आर्थिक अपराध इकाई ने बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व औरंगाबाद के तत्कालीन जिला परिवहन पदाधिकारी अनिल कुमार सिन्हा पर आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था।
इसके बाद उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. आर्थिक अपराध इकाई ने 8 दिसंबर 2021 को आय से 55 लाख ₹3548 अधिक संपत्ति अर्जित करने का किस किया था।
17 दिसंबर के पत्र से ईओयू ने सामान्य प्रशासन विभाग को इसकी जानकारी दी थी। अब सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है।
बता दें, औरंगाबाद में हो रहे अवैध बालू खनन के आरोप में तत्कालीन जिला परिवहन पदाधिकारीअनिल कुमार सिन्हा की संलिप्तता पाई गई थी।
ईओयू की रिपोर्ट पर परिवहन विभाग ने उन्हें हटाते हुए सेवा वापस कर दिया था। इसके बाद उन्हें दरभंगा के एडीएम के पद पर पदस्थापित किया गया था। अब उनके निलंबन का आदेश जारी की गई है।
गौरतलब हो कि अब बिहार में बालू खनन का कार्य शुरू कर दिया गया है। लेकिन जब सरकार ने इसपर रोक लगा रखी थी तो उस समय औरंगाबाद जिले में कई अफसरों पर बालू माफियाओं के साथ सांठ-गांठ के कारण गाज गिरी थी और फिर निलंबित भी किया गया था ।