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औरंगाबाद: जाप नेता संदीप समदर्शी ने यूरिया खाद्य की कालाबाजारी करने वाले बिक्रेताओ के लाइसेंस रद्द करने की माँग की

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: बिहार में खाद की कालाबाजारी जारी है। राज्य के विभिन्न जिलों से कृषि विभाग के अफसरों व कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते जिले में इस समय यूरिया खाद्य की जमकर कालाबाजारी हो रही है । कुछ ऐसी ही खबर औरंगाबाद जिले के रफीगंज से भी आ रही है। जहाँ रफीगंज – शिवगंज पथ में धावा नदी के समीप निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर उर्वरक कालाबाजारी का मामला प्रकाश में आया है।

इस मामले में जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के प्रदेश महासचिव संदीप सिंह समदर्शी ने कहा कि खाद्य  कालाबाजारी का हाल यह है कि किसान सौ से दो सौ रुपये अधिक दाम देकर खाद खरीदने को मजबूर है। इसके बावजूद अधिकारी गंभीर नहीं हैं। यूरिया का प्रत्येक बोरा सरकार के द्वारा 266 रूपये निर्धारित किया गया है जबकि गुरुवार को रात्रि 10 बजें के करीब ओम शांति खाद्य भंडार के विक्रेता राजू कुमार एवं शंकर खाध भंडार के विक्रेता रंजन कुमार के द्वारा किसानों को 350 रुपये प्रत्येक बोरा बेचा जा रहा था। किसानों ने अधिक मूल्य लेने का विरोध किया और इसकी सूचना प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी को दी है और उचित कार्यवाई की मांग की है।

आगे जाप नेता संदीप सिंह समदर्शी ने बताया की खाद्य के कालाबाजारी की स्थिति यह है कि इस समय नकली खाद की भी धड़ल्ले से सप्लाई की जा रही है। खाद्य के लिए किसानों में हाहाकार मचा है। किसान जिले की समितियों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। जबकि किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर उर्वरक की उपलब्धता व आपूर्ति सुनिश्चित कराया जाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि ये दोनों खाद्य भंडार के मालिक सगे भाई है। दोनों विक्रेता की शिकायत हमेशा स्थानीय लोग  पदाधिकारियों को देते रहते हैं, फिर भी करवाई नहीं की जाती है। प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी द्वारा 26 अगस्त को शिकायत मिलने पर स्पस्टीकरण भी पूछा गया था, फिर भी खाद्य विक्रेता द्वारा लगातार कानून का उलंघन किया जा रहा है।

वहीं खाद्य की कालाबाजारी पर जाप नेता संदीप समदर्शी ने भी किसानों के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने इस मामले में जिला पदाधिकारी एवं जिला कृषि पदाधिकारी से निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरक की बिक्री किए जाने व कालाबाजारी करने वाले उर्वरक विक्रेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी अनुज्ञप्ति रद्द करने का मांग की है।

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