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औरंगाबाद: स्वास्थ्य विभाग की हुई समीक्षा बैठक, जून माह में 1149 आशा कर्मियों के क्षेत्र से नहीं हुई एक भी डिलीवरी, मिला चयन मुक्त करने का निर्देश

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: समाहरणालय औरंगाबाद के सभाकक्ष में गुरुवार को सिविल सर्जन डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक आहूत की गई. इस बैठक में आकांक्षी जिला (नीति आयोग), संस्थागत प्रसव, पैथोलॉजी जांच, अल्ट्रासाउंड, जननी बाल सुरक्षा योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, पोषण पुनर्वास केंद्र, नियमित टीकाकरण, गैर संचारी एवं संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी, मातृ शिशु मृत्यु समीक्षा, आरसीएच, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, गुणवत्ता विकास एवं प्रमाणीकरण आदि कार्यक्रमों से संबंधित विभिन्न संकेतकों के विरुद्ध जिले की प्रगति का आकलन किया गया तथा आवश्यक निर्देश दिए गए. बैठक की कार्यवाही का संचालन कर रहे डीपीएम मो अनवर आलम द्वारा बताया गया कि सिविल सर्जन द्वारा समीक्षा के क्रम में विभिन्न निर्देश दिए गए हैं.

उपाधीक्षक सदर अस्पताल औरंगाबाद को सदर अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन प्रारंभ कराने एवं अल्ट्रासाउंड क्लीनिक को गुणवत्ता पूर्वक संचालित कराने का निर्देश दिया गया. तुलनात्मक आंकड़ों के अनुसार सदर अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन की संख्या शून्य पाई गई जबकि माह जून में जिले के अन्य संस्थानों में 41 ऑपरेशन हुए. इसी प्रकार सदर अस्पताल में 313 तो अनुमंडलीय अस्पताल, दाउदनगर में 556 अल्ट्रासाउंड जून माह में हुए हैं.

सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी औरंगाबाद को निर्देशित किया गया कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों 24×7 पर डिलीवरी की संख्या बढ़ाई जाय. माली पहड़पुरा, कासमा, नौगढ़ एवं पवई में दहाई अंक में भी डिलीवरी की संख्या नहीं पाई गई. जिसके आलोक में संस्थान स्तर पर समीक्षा कर कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया.

संस्थागत प्रसव की समीक्षा में यह भी स्पष्ट हुआ कि पिछले माह 1149 आशा कर्मियों के क्षेत्र से एक भी डिलीवरी नहीं कराया गया है. इस क्रम में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आदेशित किया गया कि आशा कर्मियों के कार्यों की समीक्षा की जाए तथा कार्यों में रूचि नहीं लेने वाले आशा से स्पष्टीकरण किया जाए फलाफल सुधार नहीं होने की स्थिति में उन्हें चयन मुक्त करने की कार्रवाई की जाए.

बिहार सरकार द्वारा जारी ‘एसेंशियल डायग्नोस्टिक लिस्ट’ के अनुसार अब सदर अस्पताल में 148, अनुमंडलीय अस्पताल में 91, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं रेफरल अस्पताल में 75 तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 66 प्रकार के लैब टेस्ट की व्यवस्था कराई जानी है. इसकी व्यवस्था कराने हेतु संबंधित पदाधिकारियों को आदेशित किया गया.

इस दौरान निर्देशित किया गया कि प्रसव के बाद प्रसूतियों को जननी बाल सुरक्षा योजना का पैसा तत्काल भुगतान किया जाए, जन्म के तुरंत बाद नवजात को स्तनपान कराना सुनिश्चित किया जाए, कमजोर जन्मे बच्चों को आशा के द्वारा 2 वर्षों तक गृह भ्रमण कराते हुए उनके स्वास्थ्य प्रगति पर ध्यान दिया जाए, गर्भवती की जल्द से जल्द पहचान एवं प्रथम प्रसव पूर्व जांच सरकारी संस्थानों में करवाया जाए.

जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत कर्मियों का इपीएफ अकाउंट खोलने के कार्य को जल्द से जल्द निष्पादित किया जाए. मातृ-शिशु मृत्यु के मामले की जांच कराई जाए ताकि स्पष्ट कारणों की पहचान कर भविष्य में घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए रणनीति बनाई जा सके. सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर को पूर्वाहन 9 बजे से अपराहन 5 बजे तक खोलने का निर्देश दिया गया.

बैठक में सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी स्वास्थ्य प्रबंधक सहित जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मिथिलेश प्रसाद सिंह, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रवि रंजन, जिला लेखा प्रबंधक मो. अफरोज हैदर, डीपीसी नागेंद्र कुमार केसरी, डीसीएम कुमार आनंद प्रकाश, जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी अविनाश कुमार, डेवलपमेंट पार्टनर के प्रतिनिधि रितेश कुमार, कामरान खान, अर्शी खान, अरुण कुमार, धनंजय कुमार एवं अन्यान्य उपस्थित रहे.

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