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बड़ी कारवाई: सरकार ने अवैध बालू खनन के खिलाफ 18 और पुलिस अफसरों को किया सस्पेंड
बिहार में अवैध बालू खनन के खिलाफ सरकार के तेवर सख्त हैं. राज्य सरकार लगातार बड़े अधिकारियों पर कड़ी कारवाई कर रही है
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में अवैध बालू खनन के खिलाफ सरकार के तेवर सख्त हैं. राज्य सरकार लगातार बड़े अधिकारियों पर कड़ी कारवाई कर रही है. एक बार फिर से कड़ी कारवाई करते हुए सरकार ने 18 और पुलिस अफसरों को सस्पेंड कर दिया है. इस कारवाई के बाद पुलिस महकमें में हड़कम्प मच गया है. आपको बता दें कि बालू खनन मामले में दो एसपी और चार डीएसपी को पहले ही सरकार निलंबित कर चुकी है. वहीं इस निलंबन की इस लिस्ट में चार इंस्पेक्टर और 14 दारोगा का नाम शामिल है. इनमें 10 तत्कालीन थानाध्यक्ष भी शामिल हैं.
गौरतलब हो कि पुलिस मुख्यालय ने जिन इंस्पेक्टर और दारोगा को सस्पेंड किया है, वे पहले पटना, भोजपुर, सारण, औरंगाबाद और रोहतास जिलों के थानों में पोस्टेड थे. आर्थिक अपराध इकाई की जांच में बालू के अवैध खनन में संदिग्ध भूमिका मिलने पर उन सभी का 10 जुलाई को जोन से बाहर तबादला किया गया था. इन सभी को कोसी, मिथिला, चंपारण, बेगूसराय, पूर्णिया आदि रेंज के थानों में भेज दिया गया था. जिन चार निरीक्षकों को निलंबित किया गया है, उनमें अरविंद कुमार गौतम, दयानंद सिंह, सुनील कुमार और अवधेश कुमार झा का नाम शामिल है.
निलंबित किये गए 14 दारोगा की बात करें तो इनमें संजय प्रसाद, रहमतुल्लाह, बिजेंद्र प्रताप सिंह, कृपाशंकर साह, कुंवर प्रसाद गुप्ता, दीप नारायण सिंह, आनंद कुमार सिंह, सतीश कुमार सिंह, पंकज कुमार, राजेश कुमार चौधरी, दिनेश कुमार दास, राज कुमार, अशोक कुमार और राम कुमार राम का नाम शामिल है.
जबकि पटना पुलिस हेडक्वार्टर की ओर से जिन पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की गई है. इनमें से 10 तत्कालीन थानाध्यक्ष हैं. पटना जिले के बिहटा, पालीगंज और रानीगंज थानेदार भी शामिल हैं. इसके अलावा भोजपुर के चार, औरंगाबाद के दो और सारण के एक तत्कालीन थानाध्यक्ष निलंबित हुए हैं.
आपको बता दें कि इस कारवाई से एक दिन पहले ही इस मामले में औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरीका, चार डीएसपी,औरंगाबाद सदर के तत्कालीन एसडीपीओ अनूप कुमार औऱ डिहरी के तत्कालीन एसडीपीओ संजय कुमार सहित कई अन्य को निलंबित किया गया था. इन सभी के खिलाफ बालू के अवैध खनन में संलिप्तता थी.