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मोदी सरकार ले आई व्हाटसएप को टक्कर देने के लिये स्वदेशी मैसेज प्लेटफार्म “Sandes” 

मंत्री ने  सदन में जवाब देते हुए कहा कि राष्‍ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र एनआईसी, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इंस्‍टैंट मैसेज प्‍लेटफॉर्म के लिए एक स्‍वदेशी समाधान सैंड्स विकसित किया है।

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट 

बिहार नेशन: देश में जल्द ही व्‍हाट्सएप को टक्‍कर मिलेगा।क्योंकि इसे टक्कर देने के लिये मोदी सरकार ने स्वदेशी मैसेज प्लेटफार्म को विकसित किया है। इस बात की जानकारी लोकसभा में इलेक्ट्रॉनिक और और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक सवाल के जवाब में बुधवार को दी।

मंत्री ने  सदन में जवाब देते हुए कहा कि राष्‍ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र एनआईसी, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इंस्‍टैंट मैसेज प्‍लेटफॉर्म के लिए एक स्‍वदेशी समाधान सैंड्स विकसित किया है। सैंड्स एक खुला स्रोत आधारित, सुरक्षित, क्‍लाउड सक्षम प्‍लेटफॉर्म है जिसे सरकारी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर होस्‍ट किया गया है ताकि सामरिक नियंत्रण भारत सरकार के पास बना रहे।

बता दें की इसमें वन-टू-वन और ग्रुप मैसेजिंग, फाइल और मीडिया शेयरिंग, ऑडियो वीडियो कॉल और ई-गवर्नेंस एप्‍लीकेशन इंटीग्रेशन आदि जैसे फीचर्स दिए गए हैं। इस प्‍लेटफॉर्म का उपयोग सरकार द्वारा किया जा रहा है और यह गूगल प्‍ले स्‍टोर और एप्‍प स्‍टोर पर उपलब्‍ध है। यह फेसबुक, ट्विटर और अन्‍य विदेशी सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा क्‍या उपाय किए गए हैं।

एक सवाल पर राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 में परिभाषित मध्‍यस्‍थ हैं। यूजर्स के लिए सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म की जवाबदेही सुनिश्चित करने और यूजर्स सुरक्षा को बढ़ाने के लिए, सरकार ने इस अधिनियम के तहत सूचना प्रौद्योगिकी मध्‍यस्‍थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को अधिसूचित किया है, जो सोशल मीडिया मध्‍यस्‍थों सहित सभी मध्‍यस्‍थों द्वारा सम्‍यक तत्‍परता का अनुपालन करने को विनिर्धारित करता है। इन नियमों में फेसबुक, ट्विटर आदि जैसे महत्‍वपूर्ण सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज द्वारा अनुपालन की जाने वाली अतिरिक्‍त सावधानी बरतने का भी प्रावधान किया गया है। 

उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि अभी देश में  5 G सेवा की शुरुआत नहीं की गई है।  गौरतलब है की अभी जीतने भी विदेशी सोशल साइट्स हैं वे ग्राहकों पर अपनी मनमानी थोपने का प्रयास करते रहते हैं जिससे समय -समय पर विवाद होते रहता है। इसे लेकर सरकार की भी चिंता रहती है। ऐसे में सरकार यही चाहती है कि देश के पास खुद का व्हाटसएप जैसे क्वीक मैसेंजर सोशल प्लेटफार्म हो और उसका सवामित्व सरकार के पास रहे ।

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