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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव और उनके करीबियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लगातार केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा छापेमारी और पूछताछ की जा रही है। अब एकबार फिर से जमीन के बदले नौकरी मामले में सीबीआई ने तेजस्वी को तलब किया है। शुक्रवार को ही लालू यादव के बेटे-बेटियों समेत अन्य करीबियों के घर पर ईडी की छापेमारी की गई थी। सीबीआई के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी यादव को दूसरी बार समन भेजा गया है।

इससे पहले पहली बार 4 फरवरी को उन्हें इस मामले में समन जारी किया गया था। शनिवार 11 मार्च को सीबीआई ने कथित जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में पूछताछ के लिए पेश होने के लिए बुलाया है। तेजस्वी यादव को इससे पहले चार मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह सीबीआई के अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुए, जिसके बाद शनिवार के लिए नई तारीख दी गई।
जबकि कल ही लालू प्रसाद के करीबी नेता और राजद से पूर्व विधायक रहे अबू दोजाना के पटना आवास पर ईडी ने छापेमारी की थी। अबू दोजाना लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी माने जाते हैं। वहीं लगातार इस तरह की लालू प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई के बाद यह अटकलें लगनी तेज हो गई कि क्या बिहार की राजनीति फिजा बदलने वाली है।
दरअसल इसके पीछे की वजह देखिए। इससे पहले नीतीश और तेजस्वी साथ आए तो सरकार ठीक चली और नीतीश ने करप्शन के मामले पर ही तेजस्वी का साथ छोड़ा और सरकार गिर गई। अब एक बार फिर लालू परिवार के ऊपर लगातार सीबीआई और ईडी का कसता शिकंजा इस बात की तरफ इशारा करने लगा है कि कहीं इसी को आधार बनाकर नीतीश पलटी तो नहीं मारने वाले हैं।
अब लालू के परिवार और सहयोगियों के घर लगातार एजेंसी की तरफ से हो रही कार्रवाई की वजह से नीतीश कुमार भी असहज महसूस करने लगे हैं। नीतीश कुमार ने लालू परिवार के खिलाफ ईडी की छापेमारी और लालू, राबड़ी और मीसा से सीबीआई की पूछताछ के बाद से चुप्पी साध रखी है। जेडीयू के तमाम मंत्री और नेता भी इस मामले पर चुप्पी साधे बैठे हैं। ऐसे में नीतीश कुमार और उनके मंत्रियों के साथ जदयू नेताओं से जब लालू परिवार के खिलाफ एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर पूछा गया तो वह बिना कुछ बोले चुप्पी साधे चलते बने।