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सीएम नीतीश का बड़ा फैसला, अब जमीन के साथ नक्शे का भी होगा दाखिल- खारिज, इससे पारदर्शिता के साथ समाप्त होगा भूमि विवाद

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जे.पी. चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: बिहार में जमीन विवाद को लेकर सबसे अधिक आपराधिक घटनाएं घटती हैं । इसी विवाद को समाप्त करने के लिये नीतीश सरकार समय-समय पर कुछ सुधार कर रही है। ताकि जमीन खरीद-बिक्री की प्रक्रिया और पारदर्शी हो। इसी के तहत सरकार अब जमीन के नाम के साथ नक्शे का भी दाखिल खारिज कराएगी।

नीतीश सरकार के इस आदेश के बाद अब जमीन की बिक्री होने पर न सिर्फ रैयत के नाम में परिवर्तन होगा, बल्कि बिक्री के मुताबिक जमीन का नक्शा भी बदल जाएगा। इस तरह दस्तावेज के साथ ही नक्शे का भी दाखिल खारिज होगा। नए प्रावधान लागू होने के बाद बिहार अब दाखिल खारिज के साथ नक्शा देने वाला देश का पहला राज्य हो जाएगा।

अब जमीन के दाखिल खारिज के पहले जमीन का नक्शा, राजस्व नक्शा को भी अनिवार्य रूप से दाखिल करना होगा। इसके बाद राज्य के सभी अंचल कार्यालय में इसे सॉफ्टवेयर के माध्यम से सर्वे राजस्व नक्शा को डिजिटल रूप में रखा जाएगा। इसके बाद इसे बेचे गए जमीन का नक्शा कोई भी व्यक्ति डिजिटल रूप से देख सकेगा। बुधवार को बिहार विधानसभा ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत कुमार द्वारा पेश किए गए ‘बिहार भूमि दाखिल खारिज (संशोधन) विधेयक, 2021 को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

विधानसभा में इस विधेयक को स्वीकृति मिलने के बाद भूमि सुधार मंत्री राम सूरत राय ने इसे सरकार की एक बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद ये भूमि विवादों को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद यह अधिनियम पूरे बिहार में लागू हो जाएगा। विधानसभा में इसमें संसोधन के लिए कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा और राजद विधायक ललित यादव ने प्रस्ताव दिया था जिसे अस्वीकृत कर दिया गया।

नई व्यवस्था से जमीन के दस्तावेज में नाम परिवर्तन के साथ प्लॉट का नक्शा फोटो के साथ ही, खाता, खेसरा और रकबा भी फोटो में होगा़। इससे छोटे से छोटे जमीन के टुकड़े की खरीद बिक्री कितनी भी बार हो जमीन केचौहद्दी का विवाद नहीं होगा़। अभी दाखिल- खारिज में जमीन खरीदने पर नए खरीदार का नाम, खाता, खेसरा और रकबा ही दर्ज रहता है़। इसमें चौहद्दी का जिक्र नहीं होने से विवाद की संभावना बनी रहती है़। नये सर्वे के बाद म्यूटेशन की पूरी प्रक्रिया ‘ टेक्सटुअल एंड स्पेटियल डाटा इंट्रीग्रेशन आफ लैंड रिकॉर्ड’ आधारित हो जायेगी़।  इसके बाद रजिस्ट्री के साथ ही ऑनलाइन दाखिल- खारिज के साथ ही नक्शा भी अपडेट हो जायेगा।

आपको बता दें कि इस प्रक्रिया से जमीनी विवाद पर काफ़ी ह्द तक रोक लगेगी । खासकर उनलोगों को इससे अधिक फायदा होगा जो जमीन खरीदने की सभी प्रक्रिया पूरा करने के बाद भी जमीन पर दखल कब्जा के लिये भटकते रहते हैं।

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