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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: भारत में अधिकतर महिलाएं पिता की संपत्ति में अपना हिस्सा नहीं लेती है। हालांकि यह कानून में दिया गया है कि महिलाओं को उनकी पैतृक संपत्ति यानी पिता की संपत्ति पर पुरुषों के समान ही अधिकार है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं को अपने पति और सुसराल की संपत्ति में कितना अधिकार है? आमतौर पर यह माना जाता है कि पति की संपत्ति पर पूरा हक पत्नी का होता है, जबकि यह बात पूरी तरह से सही नहीं है।
महिलाएं शादी के बाद अपने माता-पिता का घर छोड़ पति के घर में रहने लगती है। ऐसे में कहने के लिए तो वह उनका भी घर हो जाता है लेकिन इससे पति की संपत्ति पर उन्हें हक नहीं मिलता है। आइए जानते हैं कि महिलाओं को उनके पति और सुसराल की संपत्ति में
कितना अधिकार होता है।
ज्यादातर लोग यही मानते हैं कि पति की संपत्ति पर पत्नी का पूरा हक होता है लेकिन यह बात पूरी तरह से सही नहीं है। इस संपत्ति पर पत्नी के अलावा परिवार के बाकी लोगों का भी अधिकार होता है। अगर कोई संपत्ति पति की कमाई हुई है तो उस पर पत्नी के साथ-साथ मां और बच्चों का भी अधिकार होता है! अगर किसी व्यक्ति ने अपनी वसीयत बना रखी है तो उसकी मौत के बाद उसके नॉमिनी को उसकी संपत्ति मिलती है। वह नॉमिनी उसकी पत्नी भी हो सकती है। वहीं अगर किसी शख्स की बिना वसीयत के मौत हो जाती है तो उसकी संपत्ति में पत्नी के अलावा मां और बच्चों आदि में बराबर बंटवारा होता है।
अगर किसी महिला के पति की मौत हो जाती है तो उसके पति की पैतृक संपत्ति पर उसका अधिकार नहीं होता है। हालांकि, पति की मौत के बाद महिला को ससुराल के घर से निकाला नहीं जा सकता। जबकि ससुराल वालों को महिला को मेंटेनेंस देना होता है। मेंटेनेंस की राशि ससुराल वालों की आर्थिक स्थिति के आधार पर कोर्ट द्वारा तय की जाती है। अगर महिला के बच्चे हैं तो उनको पिता के हिस्से की पूरी संपत्ति मिलती है। यदि विधवा महिला दूसरी शादी कर लेती है तो उसे मिलने वाला मेंटेनेंस बंद हो जाएगा।
अगर किसी महिला का पति से तलाक हो जाता है तो वह पति से मेंटेनेंस मांग सकती है पति और पत्नी दोनों की आर्थिक स्थिति के आधार पर तय होता है। तलाक के मामलों में मंथली मेंटेनेंस के अलावा वन टाइम सेटलमेंट का ऑप्शन भी मिलता है। तलाक के बाद अगर बच्चे मां के साथ रहते हैं तो पति को उनका भी भरण पोषण देना होगा।
वहीं बता दें कि तलाक की स्थिति में पत्नी का अपने पति की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता है। हालांकि, महिला के बच्चों का उनके पिता की प्रॉपर्टी पर पूरा अधिकार होता है। वहीं पति-पत्नी की कोई ऐसी संपत्ति है जिसमें वे दोनों मालिक है तो उसका बराबर बंटवारा किया जाएगा।