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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में लोग सरकारी जमीन को अधिकतर अपनी प्रॉपर्टी समझते हैं और इसका अतिक्रमण करते हैं । लेकिन वैसे लोगों के लिए बड़ी खबर है कि अब उनकी खैर नहीं। सीएम नीतीश ने राज्य में सभी जिलों के जिलाधिकारियो को निर्देश दिया गया है कि वैसे लोगों को सीधे जेल भेजें । सीएम नीतीश ने यह भी कहा है कि डीएम और कमिश्नर को आदेश -अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।
इसके अलावा 20 हजार रुपये तक जुर्माना भी भरना होगा। इसके लिए नीतीश सरकार ने कमिश्नर से लेकर डीएम तक को कार्रवाई करने का अधिकार दे दिया है। ये अधिकारी सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों से जवाब-तलब कर सकेंगे।
राज्य सरकार ने सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान तेज करने का फैसला किया है। इसी के साथ राज्य के सभी जल निकायों को भी अतिक्रमणमुक्त करना है। यह आदेश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पहले ही जारी किया था। लेकिन कार्य में शिथिलता को देखते हुए विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने एक बार फिर से सभी प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारियों को दिया। नये पत्र में जेल और अर्थदंड की व्यवस्था को प्रभावी बनाने का भी सख्त निर्देश दिया गया है।
राजस्व विभाग के पास सरकारी जमीन का पूरा ब्योरा नहीं है। लिहाजा सभी विभागों से जमीन का रिकार्ड मांगा गया है। सर्वे निदेशालय को मिली जानकारी के अनुसार सरकारी विभागों से अबतक 90688 प्लॉट की जानकारी दी है। इनमें सबसे अधिक 44532 प्लॉट राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के ही है। उसके बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का नंबर है, जिसके द्वारा अब तक कुल 12866 प्लॉट की जानकारी दी गई है।
आपको बता दें कि बिहार में सरकारी जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर अपने आवास तक ब्ना लिये हैं । वहीं नदियों के किनारे भी लोगों ने घर बना लिया है जिससे नदियों के प्रवाह पर असर पड़ रहा है। वहीं लोगों ने सड़कों का भी अतिक्रमण कर रखा है जिससे जाम की समस्या या फिर रास्ते नहीं हैं ।