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जातीय जनगणना को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में खूब गरजे तेजस्वी, कहा-इससे पीछे हटनेवाले नहीं
जातीय जनगणना को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खूब गरजे । उन्होंने इसी मसले पर चर्चा के लिये प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: जातीय जनगणना को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खूब गरजे । उन्होंने इसी मसले पर चर्चा के लिये प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया । वे इस माँग को लेकर काफी आक्रामक दिखें । उन्होंने कहा की वे इस मसले को लेकर पीएम को भी लेटर लिखा है। उन्होंने कहा कि वे जातीय जनगणना की माँग से पीछे हटनेवाले नहीं हैं । मालूम हो की वे जातीय जनगणना की शुरू से ही माँग कर रहे हैं ।
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इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि, उन्होंने इस मुद्दे को लेकर सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। सीएम ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था लेकिन, अब तक उस पत्र की प्रतिक्रिया नहीं आई है। पीएम की तरफ से मुलाकात करने का समय भी नहीं दिया गया है। वहीं, इसे लेकर उन्होंने कहा कि, नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपमानित करने का काम कर रहे हैं। उनका कहना था कि, पीएम इस मसले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। वे समय भी नहीं दे रहे हैं। लेकिन, हम अपनी मांग पर अड़े रहे रहेंगे।
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तेजस्वी यादव ने अपने द्वारा लिखा गए पत्र को आज मीडिया के सामने रखा. उस पत्र में लिखा गया है कि, जातीय जनगणना नहीं कराने का फैसला फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के लोगों का विकास नहीं हो रहा है। जातीय जनगणना अगर नहीं कराई गई तो पिछड़ी अति और पिछड़ी जातियों की शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति का आकलन नहीं हो पाएगा। साथ ही उनकी स्थिति में भी सुधार नहीं हो पायेगा। बता दें कि, इस दौरान उनसे जगदानंद सिंह को लेकर भी सवाल किया गया, जिसके बाद वे प्रेस कांफ्रेंस छोड़ कर चले गए. उन्होंने इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया।
आपको बता दें की राजद शुरू से ही जातीय जनगणना को लेकर अङी है। साथ ही इस मसले पर जेडीयू भी राजद के साथ आ गई है। यह भी बता दें की बिहार विधानमंडल से यह माँग दो बार सर्वसम्मति से पारित भी हो चुका है। इन पार्टी के नेताओं का साफ़ कहना है की इससे उनकी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति का पता चलेगा । जिससे उनके लिये कल्याणकारी योजनाओं को बनाने में मदद मिलेगी।