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चिराग के साथ मिलकर लालू प्रसाद कभी भी कर सकते हैं बड़ा खेल,पढ़ें इनसाइड स्टोरी

मोदी कैबिनेट के विस्तार में चिराग की जगह उनके चाचा पशुपतिपारस को जगह दी गई उससे बहुत कुछ सियासी समीकरण बदल रहा है। क्योंकि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव तो चिराग पासवान को पहले से ही अपने साथ लाना चाहते हैं ।

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जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

बिहार नेशन: जिस तरह से बिहार में एलजेपी के अन्दर भूचाल आया है और मोदी कैबिनेट के विस्तार में चिराग की जगह उनके चाचा पशुपतिपारस को जगह दी गई उससे बहुत कुछ सियासी समीकरण बदल रहा है। क्योंकि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव तो चिराग पासवान को पहले से ही अपने साथ लाना चाहते हैं । लेकिन अब चिराग के पास भी आरजेडी के साथ जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा हुआ है ।

वहीं इस मामले में राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद भी सक्रिय हो गये हैं । दिल्ली में जाकर श्याम रजक लालू प्रसाद की तरफ से पहले ही चिराग से मिल चुके हैं। वहीं इस मुलाक़ात के बाद श्याम रजक मनोज झा के साथ लालू यादव से मिलाने पहुंचे तो अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया।  भले ही लालू प्रसाद यादव का तबीयत खराब हो जिसके कारण से वे दिल्ली से बिहार न आ रहे हों लेकिन वे दिल्ली से ही बिहार की हरेक राजनीतिक गतिविधियों पर नजर गड़ाए हुए हैं ।

रविवार को आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यसभा सांसद मनोज झा आरजेडी सुप्रीमो लालू से मिलने पहुंचे । यह मुलाकात लालू का बड़ा खेल माना जा रहा है क्योंकि शनिवार को ही श्याम रजक ने चिराग पासवान से भी मुलाकात की थी।.दोनों की मुलाकात में बिहार के राजनैतिक घटनाक्रम को लेकर काफी वक्त तक बातचीत चली।

महागठबंधन को लेकर पार्टी द्वारा प्रस्ताव भी रखा गया। रजक इस सिलसिले में कांग्रेस नेत्री मीरा कुमार और बिहार प्रभारी भक्त चरण दास से भी मुलाकात की थी। गौरतलब है कि एलजेपी में दो फाड़ होने के बाद आरजेडी की नजर महागठबंधन को लेकर चिराग पासवान पर अटकी हुई है।आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक की इन दिनों चल रही चिराग, मीरा कुमार और भक्त चरण दास से मुलाकात के पीछे लालू का बड़ा खेल नजर आ रहा है।. मौजूदा वक्त में इन मुलाकातों का यह सिलसिला बिहार की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

माना जा रहा है कि आरजेडी सुप्रीमों कोई बड़ा खेल करने वाले हैं । आज कल आरजेडी के नेता एकाएक अधिक सक्रिय भी हो गये हैं । इसके पीछे भी वजह मानी जा रही है कि यह सब लालू प्रसाद यादव की रणनीति का हिस्सा है। यह बात भी सत्य है कि अगर चिराग पासवान, आरजेडी के साथ आते हैं तो एनडीए के लिये तो सत्ता में आना मुश्किल होगा ही साथ ही बीजेपी की नई पारी शुरू होने से पहले ही समाप्त हो जाएगा ।

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