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अब नो टेंशन,टैब या स्मार्टफ़ोन से ऑनलाइन पढ़ेंगे सरकारी स्कूल के बच्चे,नीतीश सरकार कर रही है विचार,पढ़े ये पूरी रिपोर्ट

देश में कोरोना संक्रमण ने लोगों की सभी गतिविधियों को लगभग ठप कर दिया है. न सही से व्यापारिक प्रतिष्ठान खुल रहे हैं और न कोई शिक्षण संस्थान.

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बिहार नेशन: देश में कोरोना संक्रमण ने लोगों की सभी गतिविधियों को लगभग ठप कर दिया है. न सही से व्यापारिक प्रतिष्ठान खुल रहे हैं और न कोई शिक्षण संस्थान. सभी शिक्षण संस्थान तो कब से बंद पड़े हैं. क्योंकि सरकार ने पूरी तरह से इसे बंद करने के निर्देश दे रखा है. हालांकि जब कोरोना की पहली लहर आई थी और चली गई थी तब कुछ छूट स्कूलों को दी गई थी. लेकिन कोरोना के दुसरी लहर के कहर को देखते हुए दुबारा बंद करने का निर्देश दे दिया गया.

लेकिन अब  बिहार में सरकारी शिक्षण संस्थानों के बच्चों को घबराने की जरूरत नहीं हैं. सरकार उनके लिए विचार कर रही है ताकी पढ़ाई बाधित न हों.इसके लिये बिहार सरकार जल्द ही ऑनलाइन क्लास शुरू करने जा रही है. सरकार की तरफ से खाका तैयार किया जा रहा है. जैसे ही सबकुछ तैयार हो जाएगा बच्चों को डिजिटल डिवाइस मिल सकती है.

बिहार सरकार ने इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री मंत्री रमेश पोखरियाल से पिछले सप्ताह 17 मई को बात को रखा था कि बच्चों की पढाई जारी रखने के लिए डिजिटल डिवाइस दी जाय. शिक्षा मंत्री के सामने समग्र शिक्षा योजना के तहत इसके राशि की माँग रखी गई है. अब जानकारी के मुताबिक़ यह बात सामने आ रही है कि पीएबी की बैठक में इसे बिहार द्वारा 2021-22 के बजट सत्र में इसे रखा जाएगा 15 जून को होनी है. बता दें कि बिना केंद्र के मंजूरी के इसे धरातल पर उतारना संभव नहीं है.

आपको बता दें कि इस कोरोना महामारी में लगभग दो साल से सभी स्कूल बंद पड़े हैं . हालांकी इसकी भरपाई दूरदर्शन और अन्य ई-प्लेटफार्म से करने की कोशिश की गई लेकिन लैपटॉप, मोबाइल या डिवाइस की कमी के कारण बहुत कम नामांकित बच्चे इसका फायदा ले पा रहे हैं.

गौरतलब है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने 17 मई को जब शैक्षणिक प्रबंधन पर वर्चुअल बैठक की थी तो बिहार के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बच्चों के लिये डिजिटल डिवाइस की जरूरत के लिये प्रावाधान करने का माँग रखा था. अब 15 जून को भारत सरकार के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक होना है. इसी मीटिंग से तय होगा कि बच्चों को क्या और कैसी सुविधाएं मिलेंगी.

जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

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