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विशेष रिपोर्ट: क्या ब्लैक फंगस के घातक परिणामों से डरे हैं सभी राज्य, कैसी है आपके राज्य की इसके लिए तैयारी,जरूर पढ़ें..
: एक तरफ जहाँ देश कोरोना संक्रमण की मार से अभी उबर नहीं पाया है वहीं एक दूसरी बीमारी ब्लैक फंगस ने भी लोगों कि चिंता बढ़ा दी है। अब जो मरीज कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से ठीक हो रहे हैं वे ब्लैक फंगस के शिकार हो रहे हैं
जे.पी.चंद्रा की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
बिहार नेशन: एक तरफ जहाँ देश कोरोना संक्रमण की मार से अभी उबर नहीं पाया है वहीं एक दूसरी बीमारी ब्लैक फंगस ने भी लोगों कि चिंता बढ़ा दी है। अब जो मरीज कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से ठीक हो रहे हैं वे ब्लैक फंगस के शिकार हो रहे हैं । इसे लेकर अब सभी राज्य सरकारें भी सतर्क हो गई हैं । पिछले दिनों दिल्ली ने तो बकायदा इसे महामारी का दर्जा देकर इस तरह के मरीजों की देखभाल के लिये अलग से दो बड़े अस्पतालों को सेंटर बना दिया है। जिसमें एक जयप्रकाश सुपर स्पेशलिटी अस्पताल तो वहीं दूसरा गुरु तेगबहादुर हॉस्पिटल है ।
इन दोनों ही अस्पतालों में केजरीवाल सरकार ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री और अन्य डॉक्टरों के साथ मीटिंग में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसे मरीजों के लिये सभी तरह की सुविधाएं दी जाय और दवाओं की कोई कमी न हो । वहीं दिल्ली में इस तरह के मामले कि संख्या 100 के पार पहुंच गई है।
तो वहीं मध्यप्रदेश ने भी ब्लैक फंगस को लेकर इसके लिये अलग से सेंटर बनाकर तैयारी कर ली है। इस बात की जानकारी पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी से फ़ोन पर चर्चा के दौरान सीएम चौहान ने जानकारी दी थी । जबकि हरियाणा , राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसे केंद्र सरकार के महामारी घोषित करने से पहले ही इन राज्यों ने इसे महामारी घोषित कर दिया है।
लेकिन अब जब केंद्र सरकार ने भी इसे महामारी घोषित कर दिया है तो राज्य सरकारें भी इस पर विचार कर रही हैं जिन्होंने इसे अबतक महामारी नहीं घोषित किया है। इसमें बिहार राज्य भी शामिल है, जिसने इसे अभी तक मकामारी नहीं घोषित किया है । हो सकता है कि एक या दो दिनों के अन्दर या संभवतः आज यानी शनिवार कि बैठक में सीएम नीतीश कुमार इसे अर्थात् ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दें । वैसे बिहार में ब्लैक फंगस के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं ।
अबतक बिहार में ब्लैक फंगस के 100 से अधिक मामले आ चुके हैं । इसे देखते हुए बिहार सरकार ने भी पटना के दो अस्पतालों पटना एम्स और आईजीआईएमएस (IGIMS ) को सेंटर ऑफ एक्सीलेंट का दर्जा दिया गया है। ये बातें खुद बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा है।
लोगों को कैसे हो रही है ये बीमारी
दरअसल अनकंट्रोल डायबिटीज, स्टेरॉयड लेने के कारण इम्यूनो सप्रेशन, कोरोना संक्रमण अधिक होने के कारण अधिक समय आइसीयू में रहना, जैसे कई कारणों से ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। अगर समय रहते इसका उपचार किया जाय तो जान बच सकती है।
कैसे पहचाने की ब्लैक फंगस का अटैक है :
इस ब्लैक फंगस बीमारी में नाक का जाम हो जाना , दांत का टूट जाना , चेहरे के एक तरफ दर्द होना या नाक से काला या लाल स्राव का निकलना , साँस लेने में दिक्कत या फिर सीने में दर्द की शिकायत होना ये सभी इसके लक्षण हैं ।
आपको बता दें कि ये बीमारी खासकर उन्हें ही हो रही है जो कोरोना का संक्रमण से ठीक हुए हैं। इसके बचाव के लिये शुगर को कंट्रोल में रखें , स्टेरॉयड की सही समय पर डोज़ लें। समय-समय पर डॉक्टर के सम्पर्क में रहें । साथ ही डॉक्टर की परामर्श से एंटीबायोटिक्स का प्रयोग करें ।