BIHAR NATION is a new media venture of journalist Jay Prakash Chandra .This dot-in will keep you updated about crime, politics , entertainment and religion news round the clock.
तो ये है चाचा पशुपति पारस की हकीकत,केंद्रीय मंत्री बनने के लिए इतना सब किया
: बिहार में हर पल राजनीति बदल रही है. लोजपा में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरूवार को सांसद पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाली पार्टी के खेमे ने उन्हें अपना नया निर्विरोध पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया
जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट
बिहार नेशन: बिहार में हर पल राजनीति बदल रही है. लोजपा में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरूवार को सांसद पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाली पार्टी के खेमे ने उन्हें अपना नया निर्विरोध पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया. चुनाव के बाद प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें पार्टी के तीन सांसद वीणा देवी, महमूद अली कैसर और चंदन सिंह और सूरजभान सिंह भी मौजूद रहें. लेकिन इस कांफ्रेस से यह बात स्पष्ट हो गया कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री बनने के लिए इतना सब ड्रामा किया. इस बात की पुष्टी खुद पशुपति कुमार पारस ने किया. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि केंद्र में मंत्री बनने वाले हैं.
गुरूवार को पटना स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्री बनने वाले हैं. उन्होंने कहा कि वे जिस दिन केंद्रीय मंत्री बनेंगे और मंत्री पद ग्रहण करेंगे, उसी दिन वह संसदीय दल के नेता के तौर पर इस्तीफा दे देंगे और दुसरे को संसदीय दल का नेता बना देंगे. गौरतलब हो कि पशुपति पारस स्वयं कई बड़े पद रखे हुए हैं. अभी वे अपने खेमें के लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो वहीं लोकसभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता भी हैं. जबकि दलित सेना के अध्यक्ष भी हैं. इतना ही नहीं पारस सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के स्टैंडिंग कमिटी और रेल मंत्रालय के परामर्श समिति के भी सदस्य हैं.
.
उनसे जब यह पूछा गया कि वे केंद्रीय मंत्री बनने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं करेंगे. जबकि खुद पार्टी के संविधान के उल्लंघन का आरोप चिराग पर लगा चुके हैं.वे इस प्रेस कांफ्रेस में कई बार असहज भी दिखे .आपको बता दे कि हाल ही में पशुपति पारस ने चिराग को छोड़कर सभी सांसदों को अपने पाले में कर लोकसभा में संसदीय दल के नेता बन गये हैं और अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी अपने खेमे के बन गये हैं. हालांकि चिराग पासवान ने इसे असंवैधानिक करार दिया है.